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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

प्रेस प्रकाशनी


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आरबीआई ने केवाईसी अपडेशन के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ आगाह किया

13 सितंबर 2021

आरबीआई ने केवाईसी अपडेशन के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ आगाह किया

रिज़र्व बैंक को ग्राहकों के केवाईसी अपडेशन के नाम पर धोखाधड़ी के शिकार होने की शिकायतें/रिपोर्ट प्राप्त होती रही हैं। ऐसे मामलों में सामान्य कार्यप्रणाली में संचार में दिए गए लिंक का उपयोग करके केवाईसी अपडेशन के लिए कुछ अनधिकृत / असत्यापित एप्लिकेशन इंस्टॉल कर ग्राहक द्वारा कुछ व्यक्तिगत विवरण, खाते / लॉगिन विवरण / कार्ड की जानकारी, पिन, ओटीपी, इत्यादि साझा करने का आग्रह करते हुए अवांछित संचार जैसे कॉल, एसएमएस, ईमेल इत्यादि की प्राप्ति शामिल हैं। इस तरह के संचार में खाता फ्रीज/ब्लॉक/बंद करने की धमकी देने की भी सूचना दी जाती है। एक बार जब ग्राहक कॉल/मैसेज/अनधिकृत आवेदन पर जानकारी साझा करता है, तो जालसाज ग्राहक के खाते तक पहुंच प्राप्त कर उसे धोखा देते हैं।

जनता को एतद्द्वारा आगाह किया जाता है कि वे खाता लॉगिन विवरण, व्यक्तिगत जानकारी, केवाईसी दस्तावेजों की प्रतियां, कार्ड की जानकारी, पिन, पासवर्ड, ओटीपी इत्यादि को अज्ञात व्यक्तियों या एजेंसियों के साथ साझा न करें। इसके अलावा, इस तरह के विवरण को असत्यापित/अनधिकृत वेबसाइटों या एप्लिकेशन के माध्यम से साझा नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा कोई अनुरोध प्राप्त होने पर, ग्राहकों से अनुरोध है कि वे अपने बैंक/शाखा से संपर्क करें।

यह भी स्पष्ट किया जाता है कि जब विनियमित संस्थाओं (आरई) को केवाईसी का आवधिक अपडेशन करना अपेक्षित है, दिनांक 10 मई 2021 के परिपत्र के माध्यम से केवाईसी के आवधिक अपडेशन की प्रक्रिया को काफी हद तक सरल बना दिया गया है। इसके अलावा, दिनांक 5 मई 2021 के परिपत्र के माध्यम से, आरई को सूचित किया गया है कि ग्राहक खातों के संबंध में जहां केवाईसी का आवधिक अपडेशन किया जाना नियत है और तारीख के अनुसार लंबित है, केवल इसी कारण से, ऐसे खाते के संचालन पर 31 दिसंबर 2021 तक कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, जब तक कि किसी नियामक/प्रवर्तन एजेंसी/न्यायालय, इत्यादि के निर्देशों के तहत आवश्यक न हो।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/851

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