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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


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भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेलूर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, मेलूर, मदुरै जिला, तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया

20 जुलाई 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेलूर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, मेलूर, मदुरै जिला,
तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने, दिनांक 20 जुलाई 2021 के आदेश द्वारा मेलूर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड (नंबर ए 330), मेलूर, मदुरै जिला, तमिलनाडु (बैंक) पर निदेशक मंडल - शहरी सहकारी बैंकों पर दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र में निहित रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के उल्लंघन / अननुपालन के लिए 1.00 (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

मार्च 2020 को समाप्त अवधि के लिए बैंक द्वारा प्रस्तुत सांविधिक विवरणी से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि, "निदेशक मंडल - यूसीबी" पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का उल्लंघन / अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के लिखित उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि वर्तमान रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं तथा मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/566

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