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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

प्रेस प्रकाशनी


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भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

16 मार्च 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 15 मार्च 2021 के आदेश द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 10 (1) (बी) (ii) और कमीशन के रूप में कर्मचारियों को पारिश्रमिक के भुगतान पर बैंक को जारी किए गए रिज़र्व बैंक के विशिष्ट निदेशों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 2 करोड़ (दो करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और 51 (1) के साथ पठित धारा 47 ए (1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2017 और 31 मार्च 2018 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण और उससे संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट (आरएआर) तथा कमीशन के रूप में अपने कर्मचारियों को पारिश्रमिक के भुगतान के संबंध में बैंक के साथ पत्राचार की जांच से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि अधिनियम के प्रावधानों तथा रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त विशिष्ट निदेशों का उल्लंघन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि अधिनियम के प्रावधानों तथा रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान प्रस्तुत मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने तथा उनके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुति की परीक्षण करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/1249

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