11 जनवरी 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वसंतदादा नागरी सहकारी बैंक लि., उस्मानाबाद,
महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द कर दिया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 08 जनवरी 2021 के आदेश द्वारा वसंतदादा नागरी सहकारी बैंक लि., उस्मानाबाद, महाराष्ट्र को बैंकिंग कारोबार संचालित करने के लिए दिए गए लाइसेंस को 11 जनवरी 2021 के कारोबार की समाप्ति से रद्द कर दिया है। सहकार आयुक्त तथा निबंधक सहकारी समितियां (आरसीएस), महाराष्ट्र से बैंक के कारोबार को समाप्त करने और बैंक के लिए परिसमापक नियुक्त करने हेतु अनुरोध किया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस बैंक के लाइसेंस को रद्द किया है क्योंकि :
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बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) की अपेक्षाओं के अनुपालन में विफल रहा;
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बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित धारा 22 (1) के तहत जारी किए गए लाइसेंस को रद्द करने के कारण भारत में बैंकिंग कारोबार चलाने के लिए असमर्थ हो गया है क्योंकि बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 22 (3)(ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) व 22 (3) (ई) की अपेक्षाओं के अनुपालन में विफल रहा;
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बैंक द्वारा की जाने वाली गतिविधियां जमाकर्ताओं के हित के लिए प्रतिकूल है;
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बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरी तरह से भुगतान करने में असमर्थ होगा; तथा
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बैंक की आर्थिक गतिविधियों को समाप्त किया जाना जनहित में है तथा बैंक की कार्यप्रणाली के तरीके जो उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है, से बचाव के लिए आवश्यक है ।
2. लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप वसंतदादा नागरी सहकारी बैंक लि., उस्मानाबाद, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में यथापरिभाषित “बैंकिंग” कारोबार, जिसमें जमाराशि स्वीकार करना और जमाराशि की चुकौती करना भी शामिल है, करने की अनुमति को समाप्त / रद्द की जाती है।
3. लाइसेंस के रद्दीकरण और परिसमापन के कार्य शुरू होने के साथ वसंतदादा नागरी सहकारी बैंक लि., उस्मानाबाद, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के अनुसार भुगतान की जाने वाली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। परिसमापन के बाद प्रत्येक जमाकर्ता सामान्य निबंधन एवं शर्तों के अधीन निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से ₹5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र) तक की अधिकतम मौद्रिक सीमा तक की जमा राशि प्राप्त करने के लिए हकदार होगा। बैंक के 99% से अधिक जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी चुकौती मिलेगी।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/924 |