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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

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भारतीय रिज़र्व बैंक ने व्यवसायिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर पर मौद्रिक दंड लगाया

4 जनवरी 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने व्यवसायिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 4 जनवरी 2021 के आदेश द्वारा व्यवसायिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर पर ऑन-साइट एटीएम और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के लिए 5.00 लाख का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2018 को वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ऑन-साइट एटीएम और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) पर उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/884

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