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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश – दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार

15 अक्तूबर 2020

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के
अंतर्गत निदेश – दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार

दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्‍यम से 17 अप्रैल 2018 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को पिछली बार दिनांक 10 जुलाई 2020 के निदेश सं. DOR.CO.AID.No.D-3/12.22.039/2020-21 के माध्यम से 16 अक्टूबर 2020 तक बढ़ाया गया था ।

2. जन साधारण के सूचनार्थ एतदद्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिनांक 17 अप्रैल 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-1/D-5/12.22.039/2017-18 के माध्‍यम से दी सिटी को-ओपेरेटीव बैंक लि., मुंबई को निदेश जारी किया गया था जिसको समय-समय पर संशोधित किया गया था और उसकी वैधता अंतिम रूप से 16 अक्टूबर 2020 तक बढ़ाई गई थी। अब यह उक्त बैंक पर दिनांक 15 अक्टूबर 2020 के निदेश सं. DOR.CO.AID.No.D-31/12.22.039/2020-21 के माध्‍यम से 17 अक्टूबर 2020 से 16 जनवरी 2021 तक अगले तीन महीनों की अवधि के लिए लागू रहेगी तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे।

3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेंगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करने वाले दिनांक 15 अक्टूबर 2020 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है।

4. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढ़ाने और / या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2020-2021/493

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