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अनुसंधान और आंकड़े

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प्रेस प्रकाशनी


वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का कार्यनिष्पादन

13 मार्च 2019

वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का कार्यनिष्पादन

आज, रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र के कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े जारी किए जो 2,703 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनफ) कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों से लिए गए हैं। वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही और वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही के आंकड़े भी तुलना करने के लिए सारणियों में प्रस्तुत किए गए हैं। इन आंकड़ों को https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_42 पर प्राप्त किया जा सकता है।

मुख्य-मुख्य बातें

बिक्री

  • विनिर्माण क्षेत्र में मांग स्थिति कमजोर हुई जैसाकि बिक्री वृद्धि की नरमी (वर्ष-दर-वर्ष) में प्रतिबिंबित हुआ।

  • यह नरमी मुख्य रूप से कपड़ा, लोहा और इस्पात, मोटर वाहन और अन्य परिवहन उपकरणों के उद्योगों में देखी गई, जबकि खाद्य उत्पाद और पेय पदार्थ और औषधीय जैसे उपभोक्ता-संचालित क्षेत्रों में बिक्री में वृद्धि हुई।

  • सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की बिक्री में वृद्धि पिछली तिमाही के संबंध में व्यापक रूप से अपरिवर्तित रही; जबकि सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र ने बिक्री में वृद्धि की गति बनाए रखी, परिवहन और भंडारण सेवाओं के उद्योगों द्वारा उंचाइयां प्राप्‍त की, दूरसंचार क्षेत्र में लगातार बिक्री में संकुचन बना रहा।

व्यय

  • 2018-19 की तीसरी तिमाही में विनिर्माण कंपनियां के लिए इनपुट लागत (कच्चे माल की लागत), कमोडिटी की कीमतों में नरमी के अनुरूप कम हुई।

  • 2018-19 की दूसरी तिमाही में सेवा क्षेत्रों के लिए स्टाफ लागतें बढ़ गई।

परिचालन लाभ

  • उत्पादन क्षेत्र में परिचालन लाभ वृद्धि उत्पादन के मूल्य में कम वृद्धि के कारण सुस्त पड़ गई।

  • सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र के परिचालन लाभ में वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में और कमी आई।

ब्याज

  • विनिर्माण क्षेत्र की ब्याज व्यय में उसके एक वर्ष पहले के स्तर से नरमी के संकेत दिखाए जो कॉर्पोरेट क्षेत्र का चालू डिलीवरेज़ दर्शा रहा है।

  • विनिर्माण क्षेत्र का ब्याज कवरेज़ अनुपात (आईसीआर) पिछली तिमाही के स्तर पर बना रहा; सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र के लिए आईसीआर ने सुधार के संकेत दिखाए, जिसका मुख्य कारण दूरसंचार कंपनियां, परिवहन और स्‍टोरेज सर्विसेस कंपनियां रहीं, जिसका मुख्य कारण दूरसंचार और परिवहन सेवाओं और भंडारण सेवा कंपनियों द्वारा कम ब्याज खर्च दर्ज और सकल लाभ में सुधार के कारण है।

निवल लाभ

  • विनिर्माण क्षेत्र के लिए निवल लाभ वृद्धि में मजबूती बनी रही, जो 2018-19 की तीसरी तिमाही में कम कर प्रावधानों के कारण हुई।

मूल्य निर्धारण क्षमता

  • विनिर्माण क्षेत्र के लिए परिचालन लाभ और निवल लाभ मार्जिन के मामले में मूल्यनिर्धारण क्षमता सपाट बनी रही,आईटी क्षेत्र के लिए परिचालन लाभ मार्जिन में कुछ कमी आई। स्थिर मांग परिस्थिति के कारण सेवाओं (गैर-आईटी) क्षेत्र के परिचालन लाभ मार्जिन में वृद्धि हुई; हालांकि, इस क्षेत्र द्वारा दर्ज शुद्ध लाभ मार्जिन 2018-19 की दूसरी तिमाही से संबंधित परिचालन आय के कम समर्थन के कारण सहना पड़ा।

सारणियों की सूची
सारणी सं. शीर्षक
1 सूचीबद्ध गैर सरकारी गैर वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन वृद्धि दर
चयनित अनुपात
2 सूचीबद्ध गैर सरकारी गैर वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन - क्षेत्रवार वृद्धि दर
चयनित अनुपात
3 चुकता पूंजी के आकार के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन वृद्धि दर
चयनित अनुपात
4 बिक्री के आकार के अनुसार गैर सरकारी गैर वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन वृद्धि दर
चयनित अनुपात
5 उद्योग के अनुसार सूचीबद्ध गैर सरकारी गैर वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन वृद्धि दर
चयनित अनुपात
व्याख्यात्मक टिप्पणियां
शब्दावली

टिप्पणियां:

  • विभिन्न तिमाहियों में परिणामों की घोषणा की तिथि के आधार पर कंपनियों का कवरेज़ भिन्न-भिन्न है, हालांकि समग्र स्थिति में ज्यादा परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।

  • 5 बिलियन से अधिक मालियत वाली सूचीबद्ध कंपनियों को वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही तक नए लेखांकन मानक अपनाने थे और शेष (एएस-इंड) और सूचीबद्ध कंपनियों को ये वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही तक अपनाने थे जैसाकि कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अधिदेश दिया गया है। भारतीय लेखांकन मानक वैश्विक रूप से स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों के लिए वित्तीय लेखांकन और रिपोर्टिंग मानकों(आईएफआरएस) के अभिसरण की ओर एक कदम है।

  • ‘व्याख्यात्मक टिप्पणियां’ जिनमें आंकड़ों के संकलन के लिए अपनाई जाने वाली संक्षिप्त पद्धति दी गई है और शब्दावली (संशोधित परिभाषा और परिकलन सहित जो पिछले प्रकाशनों से भिन्न हैं) अंत में दी गई है।

अनिरुद्ध डी. जाधव
सहायक प्रबंधक

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