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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

प्रेस प्रकाशनी


त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा

26 फरवरी 2019

त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा

वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (बीएफएस) ने 26 फरवरी 2019 को आयोजित अपनी बैठक में पीसीए के अंतर्गत बैंकों के कार्यनिष्पादन की समीक्षा की और नोट किया कि भारत सरकार ने 21 फरवरी 2019 को विभिन्न बैंकों में नए सिरे से पूंजी उपलब्ध कराई है जिसमें वे बैंक भी शामिल हैं जो वर्तमान में पीसीए ढांचे के अंतर्गत है। इन बैंकों में से, बीएफएस ने नोट किया कि इलाहाबाद बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक ने क्रमशः 6896/- और 9086/- करोड़ प्राप्त किए थे। इससे उनकी पूंजी निधि बढ़ गई और उनका ऋण हानि प्रावधान भी बढ़ गया जिससे यह सुनिश्चित हो सका कि पीसीए पैरामीटरों का अनुपालन हो गया है। दो बैंकों ने भी स्टॉक एक्सचेंज में आवश्यक प्रकटन किया है कि पूंजी उपलब्ध कराए जाने के बाद सीआरएआर, सीईटी1, निवल एनपीए तथा लीवरेज़ अनुपातों में पीसीए थ्रेशॉल्ड का उल्लंघन नहीं किया गया है। बैंकों ने इन नंबरों को बनाए रखने के लिए शुरू किए गए संरचनागत और प्रणालीगत सुधारों के बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक को भी अवगत कराया। तदनुसार, 31 जनवरी 2019 को आयोजित अपनी पूर्व बैठक में बीएफएस द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों के आधार पर 26 फरवरी 2019 को हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि इलाहाबाद बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को कतिपय शर्तों और निरंतर निगरानी के अधीन पीसीए ढांचे से बाहर किया जाए। धनलक्ष्मी बैंक को भी कतिपय शर्तों और निरंतर निगरानी के अधीन पीसीए ढांचे से बाहर करने का निर्णय लिया गया है क्योंकि यह पाया गया है कि बैंक ने पीसीए ढांचे के किसी जोखिम थ्रेशॉल्ड का उल्लंघन नहीं किया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक विभिन्न पैरामीटरों के अंतर्गत इन बैंकों के कार्यनिष्पादन की लगातार निगरानी करता रहेगा।

जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2034

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