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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

प्रेस प्रकाशनी


भारतीय रिज़र्व बैंक ने ब्रह्मावर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कानपुर, उत्तर प्रदेश के लाइसेंस को रद्द किया

4 जुलाई 2018

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ब्रह्मावर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड,
कानपुर, उत्तर प्रदेश के लाइसेंस को रद्द किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 जून 2018 के आदेश से ब्रह्मावर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कानपुर, उत्तर प्रदेश को बैंकिंग कारोबार संचालित करने के लिए दिए गए लाइसेंस को रद्द किया है। इस आदेश को दिनांक 03 जुलाई 2018 के कारोबार की समाप्ति से प्रभावी किया गया। सहकारी सोसाइटी के पंजीयक (आरसीएस), उत्तर प्रदेश से बैंक के कारोबार को समाप्त करने और बैंक के लिए परिसमापक नियुक्त करने हेतु अनुरोध किया गया है।

भारतीय रि़ज़र्व बैंक ने इस बैंक के लाइसेंस को रद्द किया है क्योंकि:

  1. बैंक के पास पर्याप्त पूंजी संरचना और आय की संभावना उपलब्‍ध नहीं है। अत: यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।

  2. बैंक अपने वर्तमान और भावी जमाकर्ताओं को, उनके द्वारा दावे किए जाने पर, पूर्ण रूप से भुगतान करने की स्थिति में नहीं है, अत: बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित 22 (3)(ए) में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन नहीं करता है।

  3. बैंक द्वारा की जाने वाली गतिविधियां वर्तमान और भावी जमाकर्ताओं के हित के लिए प्रतिकूल है अत: बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 22 (3) (बी) में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन नहीं करता है।

  4. बैंक को पर्याप्‍त समय और अवसर देने के बावजूद बैंक ने अपनी वित्‍तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए हैं तथा 31 मार्च 2014, 31 मार्च 2015, 31 मार्च 2016 और 31 मार्च 2017 की स्थिति के अनुसार आयोजित निरीक्षण के दौरान यह पता चला है कि बैंक की वित्‍तीय स्थिति में अत्‍यधिक गिरावट की स्थिति बनी रही। बैंक की वर्तमान वित्तीय स्थिति में पुनरुद्धार की कोई संभावना नहीं है अत: बैंक ने अधिनियम की धारा 22(3)(सी) में विनिर्दिष्‍ट शर्तों का अनुपालन नहीं किया है।

  5. अधिनियम की धारा 22(3)(ई) में‍ विनिर्दिष्‍ट अनुसार बैंकिंग की अनुमति प्रदान करने से कोई विशेष लाभ नहीं होगा, बल्कि बैंकिंग कारोबार जारी रखने से सार्वजनिक हित के लिए प्रतिकूल पडेगा।

लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप ब्रह्मावर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कानपुर, उत्तर प्रदेश को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में यथापरिभाषित “बैंकिंग” कारोबार, जिसमें जमाराशि स्वीकार करना और अदा करना भी शामिल है, करने की अनुमति तत्काल प्रभाव से समाप्त / रद्द की जाती है।

लाइसेंस रद्दीकरण के बाद और परिसमापन के कार्य शुरू होने के अनुक्रम में ब्रह्मावर्त कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कानपुर, उत्तरप्रदेश के जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के अनुसार राशि अदा की जाने वाली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। परिसमापन के दौरान प्रत्येक जमाकर्ता सामान्य नियम व शर्तों के अधीन निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) तक की जमा राशि प्राप्त करने के लिए हकदार होगा।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/25

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