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उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण

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प्रेस प्रकाशनी


भारतीय रिज़र्व बैंक ने रुपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई

22 नवंबर 2017

भारतीय रिज़र्व बैंक ने रुपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे को जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने (दिनांक 17 नवम्बर 2017 के अपने निदेश सं. डीसीबीआर.सीओ.एआईडी/डी-21/12.22.218/2017-18 के माध्‍यम से) रुपी को-अपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्‍ट्र पर लगाए गए निदेशों की अवधि को 22 नवम्बर 2017 से 31 मई 2018 तक के लिए बढ़ा दिया है तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। ये निदेश मूल रूप से 22 फरवरी 2013 से 21 अगस्त 2013 तक लगाए गए थे जिन्हें आठ अवसरों पर हर बार छह महीनों के लिए और तीन अवसरों पर हर बार तीन महीनों के लिए बढ़ाया गया था। अंतिम बार 22 अगस्त 2017 से 21 नवम्बर 2017 तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35क की उप धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश को लगाया गया था। इन निदेशों की प्रति को बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त संशोधन जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/1410

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