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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

प्रेस प्रकाशनी


निधि आधारित उधार दर (एमसीएलआर) प्रणाली की सीमांत लागत के कार्य की समीक्षा करने के लिए आंतरिक अध्ययन समूह की रिपोर्ट - सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए समय सीमा का विस्तार

25 अक्टूबर 2017

निधि आधारित उधार दर (एमसीएलआर) प्रणाली की सीमांत लागत के कार्य की समीक्षा
करने के लिए आंतरिक अध्ययन समूह की रिपोर्ट -
सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए समय सीमा का विस्तार

रिज़र्व बैंक ने 4 अक्टूबर 2017 को आम जनता और हितधारकों की टिप्पणियों के लिए निधि आधारित उधार दर (एमसीएलआर) प्रणाली की सीमांत लागत के कार्य की समीक्षा करने के लिए आंतरिक अध्ययन समूह की रिपोर्ट को अपने वेबसाईट पर 25 अक्टूबर 2017 तक रखा है। रिज़र्व बैंक को कुछ समूहों से अध्ययन समूह की सिफारिशों पर अपनी टिप्पणी प्रस्तुत करने के लिए अधिक समय प्रदान करने का अनुरोध प्राप्त हुआ है। तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि अध्ययन समूह की रिपोर्ट पर टिप्पणी प्राप्त करने की अंतिम तिथि को 31 अक्टूबर 2017 तक बढ़ाया जाए।

रिपोर्ट पर टिप्पणियों को प्रधान परामर्शदाता, मौद्रिक नीति विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, 24वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400 001 को डाक या ईमेल द्वारा भेजा जा सकता है।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी : 2017-2018/1123

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