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उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण

हमारी ग्राहक पहुंच नीति का लक्ष्य आमजनता को सूचना प्रदान करना है जिससे कि वे बैंकिंग सेवाओं के संबंध में अपनी अपेक्षाओं, विकल्पों और अधिकारों तथा बाध्यताओं के बारे में जान सकें। हमारे ग्राहक सेवा प्रयासों को ग्राहक के अधिकारों की रक्षा करने, ग्राहक सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने और संपूर्ण बैंकिंग क्षेत्र और रिज़र्व बैंक में शिकायत निवारण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए डिजाइन किया गया है।

प्रेस प्रकाशनी


भारतीय रिज़र्व बैंक ने ग्राहक अधिकारों का चार्टर जारी किया

3 दिसंबर 2014

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ग्राहक अधिकारों का चार्टर जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज ग्राहकों के अधिकारों का चार्टर जारी किया जो बैंक ग्राहकों के संरक्षण के लिए व्यापक और अति महत्वपूर्ण सिद्धांत स्थापित करता है और बैंक ग्राहकों के ‘पांच’ मूलभूत अधिकार प्रस्तुत करता है। ये अधिकार हैं: (i) उचित व्यवहार का अधिकार; (ii) पारदर्शिता; उचित और ईमानदारीपूर्ण लेनदेन का अधिकार; (iii) उपयुक्तता का अधिकार; (iv) निजता का अधिकार; और (v) शिकायत समाधान और क्षतिपूर्ति का अधिकार।

रिज़र्व बैंक ने भारतीय बैंक संघ और भारतीय बैंकिंग कोड और मानक बोर्ड को भी सूचित किया है कि वे “आदर्श ग्राहक अधिकार नीति” बनाएं जिसमें चार्टर में स्थापित सिद्धांतों को संक्षेप में शामिल किया जाए।

प्रारंभ में, सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको और शहरी सहकारी बैंकों से अपेक्षित है कि वे अपने स्वयं के बोर्ड की अनुमोदित नीति तैयार करें जिसमें चार्टर के पांच मूलभूत अधिकारों को शामिल किया जाए, इसमें अन्य बातों के साथ-साथ अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और पर्यवेक्षण तंत्र होगा। यदि आवश्यक हो तो यह नीति “आदर्श ग्राहक अधिकार नीति” से परस्पर मेल खाए जो आईबीए/बीसीएसबीआई द्वारा तैयार करना प्रस्तावित है।

रिज़र्व बैंक एक समयावधि में बैंकों द्वारा की गई प्रगति की निगरानी करेगा और अनुपालन का निरीक्षण करेगा।

अल्पना किल्लावाला
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/1142

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