भारतीय रिज़र्व बैंक
(विदेशी मुद्रा विभाग)
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई-400 001
सं.फेमा.395(2)/2024-आरबी
23 अप्रैल 2024
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) (संशोधन) विनियमावली, 2024
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-कर्ज़ लिखत) नियम, 2019 के उपरांत, भारतीय रिजर्व बैंक एतद्द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमावली, 2019 [17 अक्तूबर 2019 की अधिसूचना सं.फे मा.395/2019-आरबी संख्या] (जिसे इसके बाद 'मूल विनियमावली’ कहा गया है) को निम्नानुसार संशोधित करता है, अर्थात:-
1. संक्षिप्त नाम एवं प्रारंभ
(i) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमावली, 2024 कहलाएगी।
(ii) यह विनियमावली सरकारी राजपत्र में उसके प्रकाशन की तारीख से लागू होगी।
2. मूल विनियमावली के विनियम 3.1 में संशोधन
मूल विनियमावली के विनियम 3.1 में, क्रम संख्या IX के बाद निम्नलिखित जोड़ी जाएँगी, अर्थात:-
X. अनुसूची XI
(अनुज्ञेय धारक द्वारा भारत में निगमित कंपनियों के साधारण शेयरों की अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर खरीद या अभिदान
योजना) |
ए. भुगतान का माध्यम (1) अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज पर सूचीबद्ध किसी भारतीय कंपनी के साधारण शेयरों की खरीद/अभिदान के लिए प्रतिफल की राशि का भुगतान -
(i) समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) विनियमावली, 2015 के अनुसार धारित उक्त भारतीय कंपनी के विदेशी मुद्रा खाते में बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किया जाएगा; या
(ii) बैंकिंग चैनलों के माध्यम से विदेश से आवक प्रेषण के रूप में किया जाएगा।
स्पष्टीकरण: अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज पर सूचीबद्ध भारतीय कंपनी के साधारण शेयरों की खरीद/अभिदान से हुए आगम का विप्रेषण या तो भारत में स्थित किसी बैंक खाते में किया जाएगा या उस भारतीय कंपनी के विदेशी मुद्रा खाते में जमा किया जाएगा जो समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाते) विनियमावली, 2015 का पालन करते हुए धारित किया गया हो।
बी. बिक्रीगत आय का विप्रेषण
साधारण शेयरों की बिक्री आय (लागू करों की कटौती के पश्चात) का विप्रेषण भारत के बाहर किया जा सकता है या उसे अनुज्ञेय धारक के ऐसे बैंक खाते में क्रेडिट कराया जा सकेगा जिनका रखरखाव विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 के अनुसार किया जा रहा हो। |
3. मूल विनियमावली के विनियम 4 में संशोधन
मूल विनियमावली के विनियम 4 के उप-विनियम (8) में, मौजूदा प्रावधान को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात:-
“एलईसी (एफआईआई): (i) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक भारत में स्थित स्टॉक एक्सचेंजों पर एफपीआई द्वारा इक्विटी लिखतों की खरीद/ अंतरण की रिपोर्टिंग रिज़र्व बैंक को फॉर्म एलईसी (एफआईआई) में करेंगे।“
(ii) निवेशग्राही भारतीय कंपनी अनुज्ञेय धारकों द्वारा किसी अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज पर साधारण शेयरों की खरीद/अभिदान (जब ऐसी खरीद/अभिदान को नियमावली के तहत विदेशी पोर्टफोलियो विनिधान के रूप में वर्गीकृत किया गया हो), अनुज्ञेय धारकों के बीच होने वाले अंतरण से भिन्न,की रिपोर्टिंग रिज़र्व बैंक को प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक के माध्यम से फॉर्म एलईसी (एफआईआई) में करेगी।“
(लता राधाकृष्णन)
प्रभारी महाप्रबंधक
फुट नोट:
मूल विनियमावली भारत सरकार के सरकारी राजपत्र में दिनांक 17.10.2019 के जी.एस.आर.सं.795(ई) के माध्यम से प्रकाशित की गयी थी और तदुपरांत इसका संशोधन निम्नानुसार किया गया:
1. अधिसूचना सं.फे मा.395(1)/2020-आरबी [विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) (संशोधन) विनियमावली, 2020] भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग III, खंड IV में प्रकाशित, राज-पत्र संख्या सीजी-एमएच-ई-19062020-220016 दिनांकित 18 जून, 2020. |