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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

अधिसूचनाएं


जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) द्वारा एक ही शहर, नगर या गांव के भीतर शाखाओं/कार्यालयों/विस्तार काउंटरों के स्थानांतरण के संबंध में स्पष्टीकरण तथा डीसीसीबी द्वारा शाखाओं और विस्तार काउंटरों को बंद करने संबंधी दिशानिर्देश

आरबीआई/2023-24/78
विवि.आरईजी./एलआईसी.सं.54/19.51.052/2023-24

30 अक्टूबर, 2023

महोदया / महोदय

जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) द्वारा एक ही शहर, नगर या गांव के भीतर शाखाओं/कार्यालयों/विस्तार काउंटरों के स्थानांतरण के संबंध में स्पष्टीकरण तथा डीसीसीबी द्वारा शाखाओं और विस्तार काउंटरों को बंद करने संबंधी दिशानिर्देश

दिनांक 29 सितंबर, 2020 के बैंककारी विनियमन अधिनियम (2020 की संख्या 39) में किए गए संशोधन के अनुसरण में, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही व्यवसाय का नया स्थान खोलने / एटीएम स्थापित करने या ऐसे कार्यालयों के स्थान को स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाती है । तदनुसार, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 23 के अनुसार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) द्वारा व्यवसाय के नए स्थान खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश दिनांक 11 अगस्त 2022 के परिपत्र विवि.आरईजी.सं. 63/19.51.052/2022-23 के तहत जारी किए गए थे।

2. इस संबंध में, आरबीआई को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) द्वारा एक ही क्षेत्र के भीतर शाखाओं के स्थानांतरण और अलाभकारी शाखाओं को बंद करने के बारे में स्पष्टीकरण मांगते हुए संदर्भ प्राप्त हो रहे हैं।

3. मामले की जांच करने पर, डीसीसीबी द्वारा उसी शहर, नगर या गांव के भीतर शाखाओं/कार्यालयों/विस्तार काउंटरों के स्थानांतरण के संबंध में अपेक्षित स्पष्टीकरण जारी करने और डीसीसीबी द्वारा शाखाओं और विस्तार काउंटरों को बंद करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया है, जैसा कि अनुबंध-1 में संलग्न है।

प्रारंभ

4. ये दिशा-निर्देश इस परिपत्र के जारी होने की तारीख से लागू होंगे।

प्रयोज्यता

5. यह परिपत्र सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों पर लागू है।

(मनोरंजन पाढ़ी)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्न: अनुबंध - 1 & 2


दिनांक 30 अक्टूबर 2023 के परिपत्र विवि.आरईजी/एलआईसी.सं.54/19.52.052/2022-23 का अनुबंध

अनुबंध – 1

क. डीसीसीबी द्वारा एक ही शहर, नगर या गांव के भीतर शाखाओं/कार्यालयों/विस्तार काउंटरों को स्थानांतरित करने के संबंध में स्पष्टीकरण

बैंककारी विनियमन (बीआर) अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 23(1)(ए) के अनुसार, ऐसे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) जो ग्रामीण या अर्ध-शहरी या शहरी/महानगरीय क्षेत्र में स्थित हैं, क्रमशः उस ही गाँव या कस्बे या इलाके/नगरपालिका वार्ड के भीतर स्थित हैं, वे रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति के बिना अपनी शाखाओं/कार्यालयों/विस्तार काउंटरों को स्थानांतरित कर सकते हैं।

डीसीसीबी यह सुनिश्चित करेगा कि:

(क) शाखा को स्थानांतरित करने का निर्णय व्यवहार्यता सहित सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड द्वारा लिया जाएगा और बोर्ड की बैठक की कार्यवाही में इसे उचित रूप से दर्ज/उल्लेख किया जाना चाहिए।

(ख) शाखा के स्थानांतरण को सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा अनुमोदित किया जाएगा, जैसा कि सहकारी अधिनियम / नियमों के तहत आवश्यक है।

(ग) इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि स्थानांतरित की जा रही शाखा के ग्राहकों को दो महीने पहले सूचित किया जाए ताकि उन्हें असुविधा न हो।

(घ) डीसीसीबी द्वारा इस संबंध में एक रिपोर्ट इस परिपत्र के साथ संलग्न अनुबंध-2 के प्रारूप में रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को इस तरह के स्थानांतरण की तारीख से एक महीने के भीतर प्रस्तुत की जाएगी।

(ङ) डीसीसीबी शाखा लाइसेंस में परिवर्तन को रिकॉर्ड करने के लिए मूल रूप से शाखा लाइसेंस रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे।

ख. डीसीसीबी द्वारा शाखाओं और विस्तार काउंटरों को बंद करने पर दिशानिर्देश

4. डीसीसीबी को निम्नलिखित शर्तों के अधीन रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति के बिना अपनी अलाभकारी शाखाओं को बंद करने की अनुमति है:

(क) बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35ए के तहत किसी भी निर्देश के तहत नहीं रखा गया है।

(ख) शाखाओं को बंद करने का निर्णय बोर्ड द्वारा सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए लिया जाना चाहिए और बोर्ड की बैठक की कार्यवाही में उचित रूप से दर्ज/उल्लेख किया जाना चाहिए।

(ग) शाखा को बंद करने के लिए संबंधित राज्य के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए ।

(घ) शाखा को बंद करने से पहले बैंक को शाखा के सभी मौजूदा जमाकर्ताओं/ग्राहकों को स्थानीय प्रमुख समाचार पत्रों में प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से और साथ ही शाखा के प्रत्येक घटक को दो माह पहले नोटिस देते हुए सूचित करना चाहिए।

(ङ) इसे बंद शाखा के लिए जारी किए गए मूल लाइसेंस को रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को लौटा देना चाहिए।

(च) भूतपूर्व शाखा के कब्जे वाले परिसर के निपटान की सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय, नाबार्ड और आरसीएस को दी जानी चाहिए।

(छ) बैंकों को शाखाओं को बंद करने के बाद, बंद होने की तारीख से एक महीने के भीतर, बैंककारी विनियम (सहकारी समितियां) नियम, 1966 के नियम 8 के तहत निर्धारित फॉर्म VI में, संबंधित बोर्ड के संकल्प और आरसीएस अनुमोदन की प्रतियों के साथ रिज़र्व बैंक और नाबार्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को रिपोर्ट करना चाहिए।

(ज) बैंक को सभी संबंधित रिकॉर्ड सुरक्षित रखने चाहिए और निरीक्षण के दौरान जांच के लिए उन्हें नाबार्ड निरीक्षण टीम को उपलब्ध कराना चाहिए।

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