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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


साख सूचना कंपनियों को ऋण सूचना प्रस्तुत किए जाने हेतु डेटा फॉर्मेट

भारिबैं/2021-22/111
विवि.एफ़आईएन.आरईसी.59/20.16.056/2021-22

14 अक्तूबर 2021

सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंकों, स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक/जिला केंद्रीय सहकारी बैंक
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी)
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों सहित)
सभी साख सूचना कंपनियां

महोदय/महोदया,

साख सूचना कंपनियों को ऋण सूचना प्रस्तुत किए जाने हेतु डेटा फॉर्मेट

कृपया अन्य बातों के साथ-साथ साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) को ऋण सूचना प्रस्तुत किए जाने हेतु एकसमान क्रेडिट रिपोर्टिंग फॉर्मेट पर दिनांक 27 जून 2014 को जारी हमारे परिपत्र डीबीओडी संख्या सीआईडी.बीसी.127/20.16.056/2013-14 का संदर्भ ग्रहण करें। एकसमान क्रेडिट रिपोर्टिंग फॉर्मेट में दो अनुलग्नक हैं। अनुलग्नक-I में क्रेडिट रिपोर्टिंग के लिए दो प्रारूप नामतः उपभोक्ता ब्यूरो और वाणिज्यिक ब्यूरो हैं, जबकि अनुलग्नक-II में सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) संवर्ग के लिए क्रेडिट रिपोर्टिंग प्रारूप शामिल है ।

2. वाणिज्यिक ब्यूरो प्रारूप में रिश्तेदारी खंड (आरएस) में अन्य बातों के साथ-साथ कॉरपोरेट के रिश्तेदारी मदों जैसे व्यापार श्रेणी और रिश्तेदारी के प्रकार (अर्थात इसमें निदेशक, शेयरधारक, स्वामी, भागीदार, न्यासी, होल्डिंग कंपनियों, सहायक कंपनियों और कर्जदार से जुड़ी कंपनियों के बारे में जानकारी होती हैं) को शामिल किया जाता है। यह देखा गया है कि सीआईसी के डेटाबेस में आरएस (रिलेशनशिप सेगमेंट) के विवरण की संख्या कम है।

3. सीआईसी द्वारा क्रेडिट संस्थानों (सीआई) को उधारकर्ता का व्यापक ऋण विवरण प्रस्तुत करते समय आरएस (रिलेशनशिप सेगमेंट) विवरण तीन मॉड्यूल, नामतः उपभोक्ता, वाणिज्यिक और एमएफआई ब्यूरो में अंतर-संबंधों को स्थापित करने में बहुत महत्वपूर्ण है। अतः, यह निर्णय लिया गया है कि सीआई द्वारा सीआईसी को आरएस डेटा की रिपोर्टिंग अब से अनिवार्य होगी। बधारहित तरीके से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, रिपोर्टिंग आवश्यकता को नीचे बताए अनुसार अवधिकाल में विभाजित किया जा सकता है।

(i) 1 जुलाई, 2022 के बाद खोले गए नए ऋण खातों के संबंध में रिपोर्टिंग अनिवार्य होगी।

(ii) पूर्व के डेटा की रिपोर्टिंग के लिए चरणबद्ध तरीके से नीचे दिये गए विवरण का पालन किया जाएगा:

  1. इस अवधि (1 जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022) के दौरान खोले गए खातों को 1 जनवरी, 2023 तक अपडेट करना होगा।

  2. पिछले तीन साल (1 जुलाई, 2018 से 30 जून, 2021) में खोले गए खातों को 1 जुलाई, 2023 तक अपडेट करना होगा।

  3. तकनीकी कार्य समूह द्वारा पूर्व के बाकी बचे डेटा की रिपोर्टिंग के लिए समय-सीमा की समीक्षा की जाएगी और तदनुसार सीआई को यथासमय सूचित किया जाएगा ।

4. सीआई को सूचित किया जाता है कि वे सीआईसी को निर्धारित समय-सीमा के अनुसार उपरोक्त जानकारी देना शुरू करें।

भवदीय

(सुनील टी. एस. नायर)
मुख्य महाप्रबंधक

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