आरबीआई/2021-22/79
एफएमआरडी.डीआईआरडी.03/14.01.003/2021-22
4 जून 2021
बाजार के सभी पात्र सहभागी
महोदया / महोदय,
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (जमा प्रमाण-पत्र) निदेश, 2021
कृपया मुद्रा बाजार निदेशों के बारे में वर्ष 2019-20 हेतु 6 जून 2019 को जारी द्वितीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में घोषित विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैराग्राफ 6 का अवलोकन करें। वर्ष 2021-22 हेतु 4 जून 2021 को जारी द्वितीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में घोषित विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैराग्राफ 5 के अनुसार ‘जमा प्रमाणपत्रों के निर्गमकर्ताओं द्वारा चलनिधि प्रबंधन में लोचशीलता की सुविधा देने’ की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया जाता है।
2. जमा प्रमाणपत्र के बारे में निदेशों के प्रारूप को लोक-अभिमत हेतु 4 दिसम्बर 2020 को प्रकाशित किया गया था। बाजार के सहभागियों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक (जमा प्रमाणपत्र) निदेश, 2021 की समीक्षा की गई और अब इन्हें अंतिम रूप दिया गया है। निदेश संलग्न हैं।
भवदीया,
(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक
वित्तीय बाजार विनियमन विभाग
अधिसूचना सं. एफएमआरडी.डीआइआरडी.04/14.01.003/2021-22 दिनांक 04 जून 2021
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (जमा प्रमाणपत्र) निदेश, 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसे ‘रिज़र्व बैंक’ कहा गया है) द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे ‘अधिनियम’ कहा गया है) की धारा 45यू के साथ पठित धारा 45डब्ल्यू द्वारा प्रदत्त और इस संबंध में प्रदत्त सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए और 7 जूलाई 2016 को जारी एफएमआरडी.मास्टर निदेश सं.2/2016-17 के खंड–III को निष्प्रभावी करते हुए जमा प्रमाणपत्र में कारोबार करने के पात्र सभी व्यक्तियों और एजेंसियों के लिए निम्नलिखित निदेश जारी किए हैं। डेरिवेटिव में सहभागिता अथवा लेनदेन करने के लिए पात्र अनिवासियों सहित सभी संस्थानों के लिए निम्नलिखित निदेश जारी किए जाते हैं:
1. लघु शीर्षक, दायरा और प्रवर्तन
(क) इन निदेशों को मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (जमा प्रमाणपत्र) निदेश, 2021 कहा जाएगा।
(ख) ये निदेश 7 जून 2021 से प्रभावी होंगे।
2. परिभाषाएं
(क) इन निदेशों के प्रयोजन से, जब तक कि संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित नहीं हो तो :
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“बैंक” का आशय है बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 5 के खंड (सी) में यथा परिभाषित कोई बैंकिंग कंपनी (किसी पेमेंट बैंक और किसी लघु वित्त बैंक सहित) या इसी अधिनियम की धारा 5 के खंड (जेए), (डीए) और (एनसी) में क्रमश: परिभाषित “भारतीय स्टेट बैंक” अथवा इसी अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित इसी अधिनियम की धारा 5 के खंड (सीसीआई) में यथा परिभाषित कोई “क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक,” कोई “समनुरूपी नया बैंक”;
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“बेंचमार्क ब्याज दर” का आशय है फिनेन्शियल बेंचमार्क एडमिनिस्ट्रेटरों द्वारा नियंत्रित ब्याज दरें;
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“जमा प्रमाणपत्र” अथवा “सीडी” किसी बैंक द्वारा उसी बैंक में एक वर्ष तक की परिपक्वता अवधि के लिए जमा निधियों के बदले में जारी मुद्दती प्रॉमिसरी नोट के रूप में जारी किया गया परक्राम्य, अप्रतिभूत मुद्रा बाजार लिखत;
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“सुपुर्दगी बनाम भुगतान” अथवा “डीवीपी” का आशय है निपटान की ऐसी पद्धति जिसमें प्रतिभूतियों के क्रेता से निधियों का अंतरण प्रतिभूतियों के विक्रेता द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण करने के साथ ही निर्धारित होता है;
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“डिपॉजिटरी” का वही अर्थ रहेगा जो डिपॉजिटरीज अधिनियम, 1996 (1996 का 22) की धारा 2(e) में निर्धारित कर दिया गया है;
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“इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म” या “ईटीपी” का आशय वही रहेगा जो 05 अक्तूबर 2018 को जारी और समय-समय पर यथासंशोधित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 के पैरा 2 (1) (iii) में निर्धारित किया गया है;
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“वित्तीय बेन्चमार्क प्रशासक” अथवा “एफबीए” का आशय है ऐसा व्यक्ति जो दिनांक 26 जून 2019 को जारी वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निदेश के तहत प्राधिकृत है और वित्तीय बेंचमार्कों के सृजन, परिचालन और प्रशासन का नियंत्रण करता है।
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“ओवर दि काउंटर बाजारों” अथवा “ओटीसी बाजारों” से आशय है एक्सचेंजों के अलावा किसी भी अन्य तरीके से किए गए संव्यवहार और इनमें इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर निष्पादित संव्यवहार भी शामिल होंगे;
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“भारत में निवासी व्यक्ति” का वही अर्थ रहेगा जो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 की धारा 2 (वी) में निर्धारित कर दिया गया है;
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“मान्यता-प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज” का अर्थ वही रहेगा जो प्रतिभूति संविदा अधिनियम, 1956 की धारा 2 (एफ) में निर्धारित कर दिया गया है;
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“लघु वित्त बैंक” का आशय है बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 22 के तहत लाइसेन्स प्राप्त और 27 नवम्बर 2014 को जारी “लघु वित्त बैंकों की लाइसेंसिंग हेतु रिज़र्व बैंक के दिशानिदेश” के अनुसार नियंत्रित कोई भी बैंक।
(ख) ऐसे शब्द और अभिव्यक्तियां जिन्हें इन निदेशों में प्रयुक्त किया गया है किन्तु परिभाषित नहीं किया गया है उनका वही अर्थ रहेगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में निर्धारित किया गया है।
3. पात्र निर्गमकर्ता
(क) जमा प्रमाणपत्र का निर्गम (सीडी) निम्नलिखित द्वारा किया जाए :
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अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक;
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क्षेत्रीण ग्रामीण बैंक; और
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क्षेत्रीण ग्रामीण बैंक।
(ख) अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा जारी किए गए सीडी दिनांक 01 जुलाई 2015 को रिज़र्व बैंक द्वारा वित्तीय संस्थाओं हेतु संसाधन जुटाने हेतु मानदंडों पर जारी और समय-समय पर यथासंशोधित मास्टर परिपत्र सं.एफआईडी.एफआइसी.1/01.02.00/2015-16 में निहित निदेशों से मार्गदर्शित किया जाएगा।
4. पात्र निवेशक
भारत में निवासी सभी व्यक्तियों को सीडी जारी किए जा सकते हैं।
5. सामान्य दशिानिदेश
(क) प्राथमिक निर्गमन
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सीडी को केवल अप्रलेखीकृत रूप में जारी किया जाएगा और इनको भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड में पंजीकृत किसी डिपॉजिटरी में रखा जाएगा।
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सीडी को न्यूनतम रु.5 लाख के मूल्यवर्ग और इसके बाद इन्हे ₹5 लाख के गुणकों में जारी किया जाएगा।
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किसी भी निर्गमन के समय पर सीडी की समयावधि सात दिन से कम नहीं होगी और यह एक साल से अधिक नहीं रहेगी।
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सीडी को टी+1 आधार पर जारी किया जाएगा इसमें टी का आशय है सीडी निर्गमन हेतु प्रस्ताव अवधि के समापन की तारीख।
(ख) बट्टा / कूपन दर
सीडी को अंकित मूल्य पर डिस्काउंट देते हुए जारी किया जाएगा। सीडी को निश्चित / परिवर्तनशील दर के आधार पर भी जारी किया जा सकता है, बशर्तें परिवर्तनीय दर वाले सीडी पर ब्याज दर को जारी किए जाने के समय पर सहमत आवधिक अंतरालों पर पुनर्निधारित किया जाए और यह दर किसी इस प्रयोजन के लिए फाइनेन्शियल बेन्चमार्क एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा प्रकाशित या फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट एन्ड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआइएमएमडीए) द्वारा अनुमोदित दर से संबद्ध हो। फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट एन्ड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यह सुनिश्चित करेगी कि प्रयोजन के लिए उनके द्वारा अनुमोदित कोई भी परिवर्तनीय दर तय कर दी गई है।
(ग) द्वितीय बाजार – कारोबारी स्थल और निपटान
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सीडी का कारोबार रिज़र्व बैंक के अनुमोदन से या तो इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग प्लेटफार्मों सहित ओवर-दि-काउन्टर (ओटीसी) बाजारों में या फिर मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेन्जों में किया जा सकता है।
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सीडी में ओटीसी कारोबारों का निपटान चक्र टी+0 अथवा टी+1 होगा।
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द्वितीयक बाजार में किए गए सभी सीडी संव्यवहारों को किसी भी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेन्ज के क्लीयरिंग कार्पोरेशन अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित किसी अन्य व्यवस्था के माध्यम से डीवीपी आधार पर निपटाया जाएगा।
(घ) सीडी के बदले में ऋण
बैंकों को सीडी के बदले में ऋण प्रदान करने की अनुमति नहीं है, जब तक कि रिज़र्व बैंक ने विशिष्ट तौर पर अनुमति नहीं दी हो।
(ङ) सीडी की वापसी खरीद
निर्गमकर्ता बैंकों को अनुमति है कि समयावधि पूरी होने से पहले सीडी की वापसी खरीद कर सकते हैं। सीडी की वापसी खरीद पर निम्नलिखित शर्तें लागू होंगी :
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सीडी की वापसी खरीद सीडी जारी करने की तारीख के 7 दिन बाद ही की जा सकती है;
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किसी विशेष सीडी निर्गम में सभी निवेशकों को समसमान निबंधनों और शर्तों पर वापसी खरीद का प्रस्ताव दिया जाएगा। निवेशकों को यह विकल्प रहेगा कि वापसी खरीद के प्रस्ताव को स्वीकार करें अथवा मना कर दें;
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सीडी की वापसी खरीद प्रचलित बाजार कीमतों पर होगी; और
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चाहे आंशिक हो या पूर्ण रूप से, सीडी की वापसी खरीद पर इसे उन्मूलित कर दिया जाएगा।
(च) बाजार का कार्यसमय
किसी भी कारोबारी दिवस को प्राथमिक निर्गमन और द्वितीयक बाजार का कारोबारी समय 9:00 बजे प्रात: से 5.00 बजे सायं तक अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर यथा निर्धारित किए अनुसार रहेगा।
(छ) सीडी की चुकौती
सीडी की चुकौती करने के लिए किसी प्रकार की रियायती अवधि नहीं रहेगी।
(ज) बाजार की परिपाटी और प्रलेखन
सीडी बाजार में पात्र सहभागी और एजेन्सियां परिचालनगत लोचशीलता और बाजारों में सहज कार्यचालन के लिए रिज़र्व बैंक के परामर्श से एफआईएमएमडीए द्वारा निर्धारित मानकीकृत कार्य-पद्धतियों और प्रलेखन का अनुसरण करेंगे।
(झ) आरक्षित निधि की अपेक्षाएं
बैंकों द्वारा जारी सीडी के संबंध में आरक्षित निधि संबंधी अपेक्षाएं रिज़र्व बैंक के संगत विनियमों से संचालित होंगी।
(ञ) लेखांकन
सीडी संव्यवहारों का लेखांकन इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) अथवा अन्य मानक निर्धारक संस्थानों द्वारा निर्धारित अथवा रिज़र्व बैंक के संगत विनियमों द्वारा यथा निर्दिष्ट किए गए अनुमेय लेखांकन मानकों के अनुसार किया जाएगा।
6. रिपोर्टिंग अपेक्षाएं
(क) प्राथमिक निर्गमन
सीडी के प्राथमिक निर्गमन के विवरणों को निर्गमकर्ता द्वारा ट्रेड रिपॉजिटरी (टीआर), अर्थात क्लीयरिंग कार्पोंरेशन ऑफ इंडिया लि. (सीसीआईएल) के फाइनेंशियल मार्केट ट्रेड रिपोर्टिंग एन्ड कन्फर्मेशन प्लेटफॉर्म (एफ-ट्रैक) को निर्गमन के दिन ही सायं 5.30 बजे तक या रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर यथानिर्धारित किए अनुसार रिपोर्ट किया जाएगा।
(ख) द्वितीय बाजार के संव्यवहार
ओटीसी बाजार और/अथवा मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों में जमा प्रमाणपत्रों के निष्पादित संव्यवहारों को निष्पादन के 15 मिनट के भीतर (जिस समय कीमत पर सहमति दी जाती है), समयांकन सहित, सौदे के प्रत्येक प्रतिपक्ष द्वारा एफ-ट्रैक प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट किया जाएगा।
(ग) वापसी खरीद के संव्यवहार
सीडी की वापसी खरीद के विवरणों की रिपोर्ट एफ-ट्रैक प्लेटफार्म पर वापसी खरीद के ही दिन सायं 5.30 बजे तक रिपोर्ट की जाएगी।
(घ) डिपाजिटरी द्वारा रिपोर्टिंग
डिपॉजिटरी के पास अप्रलेखीकृत रूप में धारित सीडी के विवरणों को पाक्षिक अंतराल पर (माह के 15वें और अंतिम दिन को) और ऐसा करने के लिए कहे जाने पर संलग्नक 1 में दिए गए प्रपत्र में डिपॉजिटरी द्वारा रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट किया जाएगा।
7. रिज़र्व बैंक द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान करने का दायित्व :
मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में कारोबार करने वाले व्यक्तियों या एजेन्सियों से रिज़र्व बैंक के अभिमत में संगत समझी जाने वाली कोई भी जानकारी या विवरणी रिज़र्व बैंक मंगा सकता है या स्पष्टीकरण मांग सकता है, और ऐसे व्यक्ति एजेन्सियां और सहभागी ऐसी जानकारी, विवरणी या स्पष्टीकरण अवश्य ही प्रस्तुत करेंगे।
8. आंकड़ों का प्रसरण :
रिज़र्व बैंक अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत कोई भी व्यक्ति मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजरों में संव्यवहारों से संबद्ध किसी भी अज्ञातनामकृत आंडकड़े प्रकाशित कर सकता है।
9. निदेशों का उल्लंघन :
किसी भी व्यक्ति या एजेन्सी द्वारा इन निदेशों के किसी भी प्रावधान या किसी भी अन्य अनुमेय कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने की दशा में रिज़र्व बैंक कानून के अनुसार कोई दंडात्मक या विनियामक कार्रवाई करने के अलावा उस व्यक्ति या एजेन्सी को अपने कार्यों की पैरवी करने के लिए पर्याप्त अवसर देने के बाद उस व्यक्ति या एजेन्सी को मांग, नोटिस और सावधि मुद्रा बाजारों में कारोबार की अनुमति रोक सकता है, इस रोक की अवधि एक बार में एक माह से अधिक की नहीं होगी, और रिज़र्व बैंक अपनी इस कार्रवाई को प्रकाशित कर सकता है।
10. अन्य कानूनों, दिशानिदेशों, विनियमों या दिशानिदेशों की अनुमेयता
जमा प्रमाणपत्र बाजार के सहभागी जमा प्रमाणपत्र में निवेश करने के संबंध में किसी भी नियामक अथवा किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जारी सभी निदेशों, विनियमों अथवा दिशानिदेशों के किसी भी अनुमेय प्रावधान से आबद्ध रहेंगे, बशर्ते ये निदेश, विनियम अथवा दिशानिदेश इन निदेशों के प्रतिकूल नहीं हों। किसी भी प्रकार की प्रतिकूलता होने की स्थिति में इन निदेशों के प्रावधान ही मान्य होंगे।
11. इन निेदेशों के लागू होने की तारीख से ही ये निदेश जमा प्रमाणपत्र में संव्यवहारों पर लागू होंगे। एफएमआरडी. मास्टर निदेश सं.2/2016-17 दिनांक 7 जुलाई 2016 के तृतीय खंड के प्रावधान इनके अनुसरण में जारी किए गए जमा प्रमाणपत्रों पर तब तक लागू होंगे जब तक कि ये जमा प्रमाणपत्र परिपक्व नहीं हो जाते हैं।
संलग्नक I
..........तारीख की स्थिति के अनुसार ..............के पास धारित बकाया जमा प्रमाणपत्रों का विवरण
क्रम
सं. |
निर्गमकर्ता का नाम |
निर्गमकर्ता का कोड |
निर्गमकर्ता का वर्ग |
आईएसआईएन |
प्रतिभूति विवरण |
समय पूरा होने की तारीख |
शेष बची हुई अवधि (दिन) तारीख को |
निवेशक का नाम |
निवेशक योजना का नाम, यदि कोई हो |
निवेशक वर्ग |
रकम रु.करोड में
(एफवी) |
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