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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र – अग्रिमों की पुनर्रचना

भारिबै/2018-19/127
बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.26/21.04.048/2018-19

22 फरवरी 2019

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी बैंक और एनबीएफ़सी

महोदय/महोदया,

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र – अग्रिमों की पुनर्रचना

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 01 जनवरी 2019 का परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.18/21.04.048/2018-19 देखें। आस्ति वर्गीकरण में गिरावट के बिना एमएसएमई के मौजूदा ऋण की पुनर्रचना के लिए शर्तों में से एक निम्नानुसार है:

“उधारकर्ता संस्था पुनर्रचना के कार्यान्वित होने की तिथि को जीएसटी पंजीकृत है। तथापि यह शर्त जीएसटी पंजीकरण से छूट प्राप्त एमएसएमई पर लागू नहीं होगी।” (उपर्युक्त परिपत्र के अनुच्छेद 1 (iii) से उद्धृत)

2. यह स्पष्ट किया जाता है कि संदर्भित परिपत्र के अनुसार, जीएसटी पंजीकरण के बिना पुनर्रचना के लिए पात्रता उक्त परिपत्र की तिथि यथा, 1 जनवरी 2019 की स्थिति के अनुसार प्राप्त छूट सीमा के आधार पर निर्धारित की जानी चाहिए।

भवदीय,

(सौरभ सिन्हा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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