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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


बासल III पूंजी विनियमावली – संक्रमणकालीन व्यवस्थाओं का पुनर्विलोकन

भारिबै/2018-19/106
बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.20/21.06.201/2018-19

10 जनवरी 2019

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(स्थानीय क्षेत्र बैंकों और
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय/ महोदया,

बासल III पूंजी विनियमावली – संक्रमणकालीन व्यवस्थाओं का पुनर्विलोकन

कृपया ‘बासल III पूंजी विनियमावली' पर 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.1/21.06.201/2015-16 के पैरा 4.5 'संक्रमणकालीन व्यवस्थाएं', भाग घ ‘पूंजी संरक्षण बफर संरचन’ के पैरा 15.2.2 तथा अनुबंध 16 के पैरा 2.3 का संदर्भ लें।

2. पूंजी संरक्षण बफर (सीसीबी) के 0.625% की अंतिम शृंखला के कार्यान्वयन को 31 मार्च 2019 से 31 मार्च 2020 तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, भाग घ 'पूंजी संरक्षण बफर संरचन' के पैरा 15.2.2 में 31 मार्च 2018 से लागू न्यूनतम पूंजी संरक्षण अनुपात 31 मार्च 2019 से भी लागू रहेगा और 31 मार्च, 2020 को सीसीबी के 2.5% का स्तर प्राप्त करने तक लागू रहेगा।

3. साथ ही, अतिरिक्त टियर 1 लिखतों (पीएनसीपीएस तथा पीडीआई) पर संपरिवर्तन/राइट-डाउन के माध्यम से पूर्व-निर्दिष्ट ट्रिगर पर हानि अवशोषण जोखिम भारित आस्तियों के 5.5% पर बना रहेगा और 31 मार्च 2020 को जोखिम भारित आस्तियों के 6.125% तक बढ़ जाएगा।

भवदीय

(सौरभ सिन्हा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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