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बैंकिंग प्रणाली का विनियामक

बैंक राष्‍ट्रीय वित्‍तीय प्रणाली की नींव होते हैं। बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा एवं सुदृढता को सुनिश्चित करने और वित्‍तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा इस प्रणाली के प्रति जनता में विश्‍वास जगाने में केंद्रीय बैंक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

अधिसूचनाएं


सीईआरएसएआई में अचल (साम्यिक बंधक के अतिरिक्त), चल और अमूर्त आस्तियों से संबंधित प्रतिभूति हित फाइल करना

आरबीआई/2018-19/96
बैविवि.एलईजी.सं.बीसी.15/09.08.020/2018-19

27 दिसंबर, 2018

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी सहित)
लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक,
सभी सहकारी बैंक,
सभी एनबीएफ़सी और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं

महोदय/महोदया

सीईआरएसएआई में अचल (साम्यिक बंधक के अतिरिक्त), चल और अमूर्त आस्तियों से संबंधित प्रतिभूति हित फाइल करना

कृपया दिनांक 21 अप्रैल 2011 का परिपत्र बैपविवि.एलईजी.सं.बीसी.86/09.08.011/2010-11, दिनांक 19 मई 2011 का आरपीसीडी.केंका.आरआरबी.बीसी.सं.72/03.05.33/2010-11, दिनांक 25 मई 2011 का डीएनबीएस.(पीडी).सीसी.सं.24/SCRC/26.03.001/2010-2011 और 26 मई 2011 का आरपीसीडी.केंका.आरसीबी.बीसी.सं.73/07.38.03/2010-11 देखें जिनमें बैंकों/ वित्तीय संस्थाओं को वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना तथा स्वत्व विलेख जमा द्वारा बंधक से संबंधित लेनदेन को सीईआरएसएआई के पास पंजीकृत करने के लिए सूचित किया गया था।

2. इसके उपरांत भारत सरकार ने 22 जनवरी, 2016 को सीईआरएसएआई पोर्टल पर निम्नलिखित प्रकार के प्रतिभूति हित फाइल करने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की:

  1. स्वत्व विलेख जमा द्वारा बंधक के अलावा अचल संपत्ति के बंधक में प्रतिभूति हित के सृजन, संशोधन अथवा पूर्ति के विवरण।

  2. संयंत्र और मशीनरी के दृष्टिबंधक, स्टॉक, बहीखाते के ऋण या प्राप्तियों सहित ऋण, चाहे मौजूदा हो या भावी, में प्रतिभूति हित के सृजन, संशोधन अथवा पूर्ति के विवरण।

  3. अमूर्त आस्तियों, जैसे कि तकनीकी जानकारी, पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, लाइसेंस, फ्रेंचाईजी या इसी प्रकृति का कोई और व्यावसायिक या व्यापारिक अधिकार, में प्रतिभूति हित के सृजन, संशोधन अथवा पूर्ति के विवरण।

  4. किसी निर्माणाधीन आवासीय या व्यावसायिक या उसके किसी भाग में बंधक रखने के अलावा अन्य किसी करार या लिखत द्वारा प्रतिभूति हित के सृजन, संशोधन अथवा पूर्ति के विवरण।

3. सीईआरएसएआई ने उपर्युक्त पैरा 2 (क) से (ग) के संबंध में 22 जनवरी 2016 या उसके बाद सृजित प्रतिभूति हितों के लिए, 25 मई 2016 से प्रभावी होकर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए और 1 जुलाई 2016 से प्रभावी होकर उनके साथ पंजीकृत सभी अन्य संस्थाओं के लिए डेटा का पंजीकरण शुरू कर दिया था। साथ ही, उपर्युक्त पैरा 2(घ)के संबंध में सभी बैंकों और सीईआरएसएआई के पास पंजीकृत सभी वित्तीय संस्थाओं के लिए डेटा का पंजीकरण 8 जून 2017 से आरंभ कर दिया गया है। इसी बीच, बैंकों/वित्तीय संस्थाओं ने 22 जनवरी 2016 से पहले सृजित प्रतिभूति हितों को भी पंजीकृत करना शुरू कर दिया है (पूर्व के अभिलेख)। तथापि यह पाया गया है कि वर्तमान और पूर्व दोनों प्रकार के अभिलेखों के लिए सीईआरएसएआई पोर्टल पर पंजीकरण का प्रसार बहुत कम है ।

4. अतः, बैंकों/ वित्तीय संस्थाओं को सूचित किया जाता है कि वे पूर्व के लेनदेन से संबंधित प्रभारों को फाइल करना 31 मार्च 2019 तक पूर्ण करें। बैंकों/ वित्तीय संस्थाओं को यह भी सूचित किया जाता है कि वे सभी लेनदेन से संबंधित मौजूदा प्रभार सीईआरएसएआई के पास निरंतर आधार पर फाइल करें।

भवदीय

(सौरभ सिन्हा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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