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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

अधिसूचनाएं


कार्ड लेनदेन के लिए व्यापारी अधिग्रहण पर दिशानिर्देश

आरबीआई/2016-17/296
डीसीबीआर.आरएडी(पीसीबी/आरसीबी) परि सं: 4/7.12.001/2016-17

अप्रैल 28, 2017

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक /
सभी राज्य सहकारी बैंक (एसटीसीबी)/
सभी जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (डीसीसीबी)

महोदय/महोदया,

कार्ड लेनदेन के लिए व्यापारी अधिग्रहण पर दिशानिर्देश

सहकारी बैंकों को ऑन साइट/ऑफ साइट दोनों एटीएम लगाने की अनुमति दी गई है तथा कुछ पात्रता शर्तों के आधार पर वे स्वयं अथवा प्रायोजक बैंक के माध्यम से डेबिट कार्ड जारी कर सकते हैं । सभी सहकारी बैंकों को स्वयं अथवा अन्य बैंकों के साथ को-ब्रांडींग व्यवस्था द्वारा क्रेडिट कार्ड कारोबार में प्रवेश करने की भी अनुमति दी गई है बशर्तें कि इस संबंध में निर्धारित दिशानिर्देशों को वे पूरा करते हों । सहकारी बैंकों में वित्तीय लेनदेन के लिए डिजिटल चैनलों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, निम्नवत निर्णय लिया गया है:

1. बिक्री केंद्र (पीओएस) अधिग्रहण बैंक के रूप में कार्य करने की इच्छा नहीं रखने वाले सभी सहकारी बैंकों को निम्नलिखित शर्तों के अधीन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पूर्व अनुमति के बिना तीसरे पार्टी के पीओएस टर्मिनलों को लगाने की अनुमति है:

(ए) सहकारी बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेन्स प्राप्त हो और सीबीएस समर्थित हों;

(बी) बैंक का सीआरएआर पिछले वित्तीय वर्ष में 9% से कम नहीं होना चाहिए;

(सी) बैंक को पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष में शुद्ध लाभ होना चाहिए;

(डी) बैंक के निदेशक मण्डल में कम से कम दो वृत्तिक निदेशक होने चाहिए;

(ई) बैंक बोर्ड द्वारा विधिवत अनुमोदित एक ग्राहक शिकायत निवारण प्रणाली होनी चाहिए;

(एफ़) कार्ड लेनदेन के लिए व्यापार अधिग्रहण पर बैंक की नीति बोर्ड द्वारा अनुमोदित होनी चाहिए;

(जी) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंक को जमाराशि स्वीकार करने/ आहरण के संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया हो।

(एच) बैंक को पीओएस टर्मिनलों की प्रस्ताव देने से पहले अपने व्यापारी ग्राहकों की सहमति लेनी चाहिए तथा तीसरे पक्ष के निपटान की प्रक्रिया का खुलासा करना चाहिए।

(आई) बैंक को तीसरे पक्ष के पीओएस टर्मिनलों के संचालन के बाद आवश्यक दस्तावेजों के साथ एक माह के भीतर भारतीय रिजर्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को रिपोर्ट करना चाहिए।

2. बिक्री केंद्र (पीओएस) अधिग्रहण बैंक के रूप में कार्य करने की इच्छा रखने वाले सभी सहकारी बैंकों को निम्नलिखित शर्तों के अधीन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व अनुमति के साथ तीसरे पार्टी के पीओएस टर्मिनलों को लगाने की अनुमति है:

(ए) सहकारी बैंकों को उपर्युक्त पैरा 1 के 1(ए) से (जी) तक उल्लिखित मापदंडों का अनुपालन करना होगा। बैंकों की आईटी प्रणालियां और सीबीएस की आईएस लेखापरीक्षा हुई हों, जिनकी अवधि आवेदन तारीख से छ: माह से पहले की न हो ताकि यह पुष्टि की जा सके कि सिस्टम पर्याप्‍त रूप से सुरक्षित हैं।

(बी) भारतीय रिजर्व बैंक के पिछले निरीक्षण के अनुसार आकलित निवल मालियत रू 25 करोड से अधिक होनी चाहिए;

(सी) पिछले वर्ष का सकल एनपीए 7% से कम होनी चाहिए तथा निवल एनपीए 3% से कम होनी चाहिए;

(डी) पिछले दो वित्तीय वर्षो तथा जिस वर्ष के दौरान आवेदन प्रस्तुत किया जा रहा है, बैंक पर कोई मौद्रिक दंड नहीं लगाया गया हो;

(ई) पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष में सीआरआर/एसएलआर को बनाए रखने में कोई चूक नहीं होनी चाहिए;

(एफ़) बैंक प्राधिकृत कार्ड नेटवर्क जैसे रूपे, वीसा, मास्टर कार्ड आदि का सदस्य होना चाहिए।

3. बैंक को कार्ड लेनदेन के लिए व्यापारी अधिग्रहण तथा पीओएस के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग द्वारा समय समय पर जारी निदेशों और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा।

4. सहकारी बैंक जो अपने स्वयं के पीओएस टर्मिनल खोलने के इच्छुक हैं तथा पीओएस अधिग्रहणकर्ता बैंक के रूप में कार्य करना चाहते हैं, वे इस संबंध में आवश्यक अनुमति के लिए आवश्‍यक सूचना/ दस्‍तावेज़ों के साथ भारतीय रिजर्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों से संपर्क करें।

भवदीय,

(नीरज निगम)
मुख्य महाप्रबंधक

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