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उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण

हमारी ग्राहक पहुंच नीति का लक्ष्य आमजनता को सूचना प्रदान करना है जिससे कि वे बैंकिंग सेवाओं के संबंध में अपनी अपेक्षाओं, विकल्पों और अधिकारों तथा बाध्यताओं के बारे में जान सकें। हमारे ग्राहक सेवा प्रयासों को ग्राहक के अधिकारों की रक्षा करने, ग्राहक सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने और संपूर्ण बैंकिंग क्षेत्र और रिज़र्व बैंक में शिकायत निवारण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए डिजाइन किया गया है।

अधिसूचनाएं


महात्मा गांधी (नई) श्रंखला के बैंक नोटों का वितरण – रिकॉर्ड

आरबीआई/2016-17/180
डीसीएम (आयो) सं 1683/10.27.00/2016-17

12 दिसंबर, 2016

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
मुद्रा तिजोरी रखने वाले समस्त बैंक

महोदय,

महात्मा गांधी (नई) श्रंखला के बैंक नोटों का वितरण – रिकॉर्ड

खजाने की प्राप्ति तथा विप्रेषण विषय पर कृपया हमारे दिनांक 15 जुलाई, 2016 के परिपत्र डीसीएम(आरएमएमटी)सं जी-5/11.01.01/2016-17 का संदर्भ लें ।

2. आयकर विभाग तथा अन्य कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों के द्वारा बड़ी मात्रा में उच्च मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को जब्त करने की रिपोर्ट के मद्देनजर, मुद्रा तिजोरियों द्वारा इन बैंक नोटों को जारी करने पर नजर रखने के लिए उपयुक्त रिपोर्टिंग प्रणाली लागू करने की आवश्यकता महसूस की गई है ।

3. उक्त को देखते हुए, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे मुद्रा तिजोरी स्तर तथा सम्बद्ध शाखाओं के स्तर पर रू. 500/- तथा इससे अधिक मूल्यवर्ग के महात्मा गांधी (नई) श्रंखला के बैंक नोटों की क्रम संख्या का दैनिक रिकॉर्ड रखें जो उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक से विप्रेषण द्वारा प्राप्त हुए हैं तथा उनकी अपनी शाखाओं, अन्य बैंकों की शाखाओं तथा डाकघरों को जारी किए गए इन नोटों का शाखावार तथा मूल्यवर्ग वार रिकॉर्ड दैनिक आधार पर रखें । दिन की समाप्ति पर नोटों के जारी करने का दैनिक रिकॉर्ड शाखा प्रबन्धक तथा संयुक्त अभिरक्षकों द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए । रिकॉर्ड को निम्न प्रारूप में मांगवार रखा जाना चाहिए :

दिनांक मांग प्रस्तुत करने वाली शाखा / बैंक का नाम मूल्यवर्ग
रू. 500/-
रू. 2000/-
जारी किए गए नोटों की संख्या क्रम संख्या का विवरण
(उपसर्ग तथा प्रत्यय दोनों)
संक्षिप्त हस्ताक्षर
        से तक संयुक्त अभिरक्षक 1 संयुक्त अभिरक्षक 2
               
               

सत्यापित

(शाखा प्रबन्धक के हस्ताक्षर)

4. रिकॉर्ड को दो वर्ष की अवधि तक संरक्षित रखा जाए तथा बैंक के आंतरिक लेखा परीक्षकों तथा / अथवा भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों द्वारा मुद्रा तिजोरी के निरीक्षण के दौरान जांच के लिए उपलब्ध करवाया जाए । रिकॉर्ड नहीं रखने वाले बैंक हमारे दिनांक 20 जुलाई, 2016 के परिपत्र डीसीएम (सीसी) सं. जी-3/03.44.01/2016-17  के पैरा 2(iv) के अनुसार दण्ड के लिए पात्र होंगे ।

5. उक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे ।

भवदीय

(पी. विजय कुमार)
मुख्य महाप्रबंधक

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