यद्यपि यह भूमिका हमारी गतिविधियों का एक ऐसा पहलू है, जिसके संबंध में स्पष्ट रूप से कहीं उल्लेख तो नहीं है, किंतु अति महत्वपूर्ण गतिविधियों की श्रेणी में इसकी गिनती की जाती है। इसके अंतर्गत अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत संरचना के निर्माण हेतु संस्थाओं की स्थापना करना, किफायती वित्तीय सेवाओं की सुलभता बढ़ाना तथा वित्तीय शिक्षण एवं साक्षरता को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।
भारिबैं/2016-17/28 गैबैंविवि(नीप्र)कंपरि.सं.083/03.10.001/2016-17
28 जुलाई, 2016
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां
महोदया/महोदय
प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में एनबीएफसी द्वारा राहत उपायों के लिए दिशानिर्देश
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 मार्च 2015 के एफआईडीडी सं. एफएसडी बीसी 52/05.10.001/2014-15, दिनांक 21 अगस्त 2015 के एफआईडीडी सं. एफएसडी.बीसी.12/ 05.10.001/2015-16 और दिनांक 30 जून 2016 के एफआईडीडी सं. एफएसडी.बीसी.27/ 05.10.001/2015-16 द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपायों के लिए दिशानिर्देश जारी किये है।
2 यह निर्णय लिया गया है कि, उपरोक्त दिशा-निर्देश, यथोचित, उपयुक्त राहत उपायों के क्रियान्वयन के लिए संस्थागत ढांचा, यथा जिला परामर्शदात्री समिति/ राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, द्वारा निर्धारित प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत एनबीएफसी पर भी लागू किया जाएगा ।
भवदीय
(सी.डी.श्रीनिवासन) मुख्य महाप्रबंधक