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मौद्रिक नीति

आर्थिक नीति के अंतिम उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मौद्रिक नीति केंद्रीय बैंक के नियंत्रण में ब्याज दरों, मुद्रा आपूर्ति और ऋण की उपलब्धता जैसे परिमाणों को विनियमित करने के लिए मौद्रिक साधनों के उपयोग को सूचित करती।

अधिसूचनाएं


बैंकों और प्राथमिक व्यापारियों (प्राइमरी डीलर्स) के लिए स्थायी चलनिधि सुविधाएं (स्टैंडिंग लिक्विडिटि फ़ैसिलिटि)

आरबीआई/2014-15/621
संदर्भ सं.एमपीडी.बीसी.378/07.01.279/2014-15

2 जून 2015
12 ज्येष्ठ 1937 (शक)

सभी अनुसूचित बैंक [क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर]
और प्राथमिक व्यापारी

महोदया/महोदय,

बैंकों और प्राथमिक व्यापारियों (प्राइमरी डीलर्स) के लिए
स्थायी चलनिधि सुविधाएं (स्टैंडिंग लिक्विडिटि फ़ैसिलिटि)

कृपया गवर्नर डॉ रघुराम राजन का 02 जून 2015 का दूसरा द्विमासिक मौद्रिक नीति 2015-16 का वक्तव्य देखें, जिसके अनुसार चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रिपो रेट को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंक घटाकर 7.5 प्रतिशत से 7.25 प्रतिशत कर दिया गया है।

2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राथमिक व्यापारियों (पीडीज़) (संपार्श्विक चलनिधि सहायता) को प्रदान की जाने वाली स्थायी चलनिधि सुविधाएं 02 जून 2015 से संशोधित रिपो दर अर्थात् 7.25 प्रतिशत पर उपलब्ध होंगी।

3. 3 फरवरी 2015 के परिपत्र नं.एमपीडी.बीसी.376/07.01.279/2014-15 के अनुसार 7 फरवरी 2015 से प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से निर्यात ऋण पुनर्वित्त (ईसीआर) सुविधा को प्रणाली स्तर की चलनिधि व्यवस्था (लिक्विडिटी प्रोविजन) के साथ मिला दिया गया था, लेकिन 6 फरवरी 2015 तक लिया गया पुनर्वित्त (रिफाइनैंसिंग) अपनी परिपक्वता (मैच्यूरिटी) तक जारी रहेगा। घटी हुई एलएएफ रिपो रेट के अनुरूप बकाया ईसीआर पर 02 जून 2015 से 7.25 प्रतिशत की संशोधित ब्याज दर लागू होगी।

भवदीय,

(बी.के.भोई)
प्रभारी परामर्शदाता

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