सरकार का बैंक और ऋण प्रबंधक

सरकार के बैंकिंग लेनदेनों का प्रबंध करना रिज़र्व बैंक की प्रमुख भूमिका है। सरकार को व्‍यक्ति, कारोबार और बैंकों की भांति अपने वित्‍तीय लेनदेनों, जिसके अंतर्गत जनता से संसाधनों का जुटाया जाना भी शामिल है, को दक्षतापूर्वक और प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए एक बैंकर की आवश्‍यकता पड़ती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


मुद्रास्फीति सूचकांक बॉन्डों पर अतिरिक्त अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (गणना मापदंड)

1. मुद्रास्फीति समायोजित मूलधन में दैनिक परिवर्तनों का हिसाब इनके संबंध में कैसे रखा जाएगा?

क. एमटीएम

ख. ब्याज

ग. बही मूल्य

उत्तर: एचटीएम, एएफ़एस और एचएफ़टी के लिए निर्दिष्ट मूल्य मापदंड के अनुसार लागू होगा।

गणना (निवेशों पर हमारे एमसी से दिये गए पैरा सं)

3.1 परिपक्वता तक रखना

i) एचटीएम के अंतर्गत वर्गीकृत निवेश बाजार को चिन्हित करने की आवश्यकता नहीं है और लागत दर पर ही लिया जाएगा, जब तक कि यह अंकित मूल्य से ज्यादा नहीं हो, जिसमें परिपक्वता की बची हुई अवधि पर प्रीमियम चुका देना चाहिए। बैंक को ‘अनुसूची 13 – अर्जित ब्याज: मद II – निवेशों पर आय’ में परिशोधित राशि को कटौती के रूप में प्रदर्शित करना चाहिए। हालांकि कटौती अलग से प्रदर्शित करने की आवश्यकता नहीं है। प्रतिभूति का बही मूल्य संबन्धित लेखांकन अवधि के दौरान परिशोधित राशि तक कम करना जारी रखना चाहिए।

आईआईबी के मामले में, अंकित मूल्य का अर्थ मुद्रास्फीति समायोजित मूलधन होगा।

3.2 बिक्री के लिए उपलब्ध

बिक्री वर्ग हेतु उपलब्ध वैयक्तिक स्क्रिप्स तिमाही और अधिक अंतराल पर बाजार को चिन्हित किया जाएगा। इस श्रेणी के अंतर्गत घरेलू प्रतिभूतियों का स्क्रिप-वार मूल्यांकन किया जाएगा और उपरोक्त मद 2 (i) में निर्दिष्ट प्रत्येक वर्गीकरण के लिए मूल्यह्रास /बढ़ोतरी को लगाया जाएगा और इस श्रेणी के अंतर्गत विदेशी निवेश का मूल्य स्क्रिप वार मूल्यांकन किया जाएगा और मूल्यह्रास / बढ़ोतरी को पांच वर्गीकरणों (उदाहरण सरकारी प्रतिभूतियाँ (स्थानीय प्राधिकारियों सहित), शेयर, डिबेंचर एवं बॉन्ड, अनुषंगी और /या संयुक्त उद्यम और अन्य निवेश (निर्दिष्ट किया जाना) के लिए संकलित किया जाएगा। इसके अलावा, घरेलू और विदेशी प्रतिभूतियों दोनों में किसी विशेष वर्गीकरण में निवेश को उस श्रेणी के तहत निवेश के मूल्यह्रास/मूल्यवृद्धि को प्राप्त करने के उद्देश्य से संकलित किया जा सकता है। निवल मूल्यह्रास, यदि कोई हो, निवल मूल्यवृद्धि के लिए प्रदान किया जाएगा, यदि कोई हो, नजरअंदाज किया जाना चाहिए। किसी एक वर्गीकरण में प्रदान किए जाने वाले निवल मूल्यह्रास को किसी अन्य वर्गीकरण में निवल मूल्यवृद्धि के कारण कम नहीं किया जाना चाहिए। बैंक तीन वर्गों के (सरकारी प्रतिभूति (स्थानीय प्राधिकारियों सहित), अनुषंगी और / या बाहरी संयुक्त उद्यम और अन्य निवेश (निर्दिष्ट किया जाना) के अंतर्गत विदेशी प्रतिभूतियों को रिपोर्ट करते रहना चाहिए। वैयक्तिक प्रतिभूतियों का बही मूल्य बाजार को चिन्हित करने के बाद कोई परिवर्तन नहीं होगा।

3.3 ट्रेडिंग के लिए रखना

ट्रेडिंग श्रेणी के लिए रखे गए व्यक्तिगत शेयरों को मासिक या अधिक लगातार अंतराल पर बाजार में चिह्नित किया जाएगा और बिक्री के लिए उपलब्ध श्रेणी के मामले में प्रदान किया जाएगा। परिणामस्वरूप, इस वर्ग में वैयक्तिक प्रतिभूतियों के बही मूल्य बाज़ार को चिन्हित होने के बाद किसी तरह का परिवर्तन नहीं होगा।

फिमडा ने सूचित किया बाज़ार में उद्धृत मूल्य वास्तविक मूल्य होगा और बॉन्ड के खरीद और बिक्री के लिए ((वास्तविक मूल्य * सूचकांक अनुपात जो की स्वच्छ मूल्य है) + (उपचित ब्याज जो कि खंडित अवधि ब्याज है) विचारणीय होगा। बैंक द्वारा वर्गीकरण, मूल्यांकन और निवेश पोर्टफोलियो पर मास्टर परिपत्र के पैरा 5.2 के अनुसार, खंडित अवधि ब्याज का पूंजीकरण नहीं किया जाना चाहिए बल्कि व्यय मद के रूप में समझना चाहिए। वर्तमान मूल्यांकन मापदंड के अनुरूप होने के लिए, केवल केवल स्वच्छ मूल्य को लागत दर के रूप में समझना चाहिए।

बाज़ार मूल्य को चिन्हित करने के संबंध में, आईआईबी के मामले, स्वच्छ मूल्य, यदि उपलब्ध हो, को उद्धृत किया जाए। यदि यह उद्धृत नहीं है, स्वच्छ मूल्य पर पहुँचने के लिए फिमडा की मूल्यांकन प्रक्रिया का अनुसरण करना चाहिए।

5.2 खंडित ब्याज अवधि

बैंक को लागत के रूप में विक्रेता को भुगतान किए गए खंडित अवधि ब्याज को पूंजीकृत नहीं करना चाहिए, बल्कि सरकारी एवं अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों में निवेश के संदर्भ में लाभ एवं हानि खाता के अंतर्गत व्यय के मद के रूप में समझा जाना चाहिए। यह भी नोट किया जाए कि ऊपर लेखांकन प्रक्रिया को कराधान प्रभाव को को संदर्भ में नहीं लेता है और इस प्रकार बैंक को आयकर प्राधिकारियों द्वारा निर्धारित तरीके से उनकी आवश्यकताओं का अनुपालन करना चाहिए।

यदि यह उद्धृत नहीं किए गए एसएलआर प्रतिभूति के अंतर्गत होता है तो स्वच्छ मूल्य पर पहुँचने के लिए फिमडा मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

2. आरबीआई कृपया आईआईबी के एमटीएम बढ़ोतरी/मूल्यहास की प्रक्रिया के बारे में स्पष्टीकरण करें, कि क्या ये अलग श्रेणी है या सरकारी प्रतिभूति ‘वर्गीकरण’ के भाग है और इस वर्गीकरण के तहत अन्य जी-सेक के साथ मूल्यवृद्धि /मूल्यह्रास जुड़ा हुआ है।

उत्तर: आईआईबी सरकारी प्रतिभूति है और निवेश पर मास्टर परिपत्र के पैरा 2(i) में निर्दिष्ट के अनुसार वर्गीकृत किया जाना चाहिए:

वर्गीकरण

i) बैंक का सम्पूर्ण निवेश पोर्टफोलियो (एसएलआर प्रतिभूति और गैर-एसएलआर प्रतिभूति सहित) तीन वर्गों के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाना चाहिए

उदा. ‘परिपक्वता तक रखना’

‘बिक्री के लिए उपलब्ध’ और ‘ट्रेडिंग के लिए रखना’

* हालांकि, तुलन पत्र (Balance Sheet) में, निवेशों को वर्तमान 6 वर्गीकरणों के अनुसार ही वर्गीकृत जारी किया जाएगा:

उदा. क) सरकारी प्रतिभूतियाँ,

ख) अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियाँ

ग) शेयर

घ) डिबेंचर एवं बॉन्ड,

च) सब्सिडीयरी /संयुक्त उद्यम और

छ) अन्य (सीपी, म्यूचल फंड इकाई, इत्यादि)।

3. यदि द्वितीयक बाज़ार ट्रेड में परिवर्तित होगा, मूलधन में लेखांकन की प्रक्रिया में भी परिवर्तन होगा चूंकि द्वितीयक बाजार ट्रेडों में मूलधन (अंकित मूल्य) बदल जाएगा, इसलिए मुद्रास्फीति सूचकांक के कारण मूलधन (अंकित मूल्य) में बदलाव के लिए कार्यप्रणाली को स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए।

उत्तर: एएफ़एस और एचएफ़टी के अंतर्गत वर्गीकृत आईआईबी लागत के समय बाज़ार में उद्धृत स्वच्छ मूल्य पर मूल्यांकन किया जाए। इसके बाद बाज़ार को चिन्हित करने के समय, फिमडा द्वारा उपलब्ध ट्रेड/ कोट या स्वच्छ मूल्य से उपलब्ध के अनुसार कोट की गई बाज़ार में स्वच्छ मूल्य को बाज़ार मूल्य के समान समझा जाए। एक बार बाज़ार मूल्य निश्चित हो जाने पर, एचएफ़टी/एएफ़एस को लागू मानक गणना प्रक्रिया को माना जाए।

4. एक पुष्टीकरण अपेक्षित है कि आईआईबी लागत या बाज़ार मूल्य के कम रूप में गणना की जाए। बाजार मूल्य व्यापार की तारीख के सूचकांक के बाद मूल है, और “वास्तविक प्रतिफल” के आधार पर खरीदार और विक्रेता के बीच अंतिम मूल्य है।

उत्तर: बाज़ार लागत क्या है, कृपया प्रश्न 1 और 3 के सापेक्ष दिये गए जवाब का संदर्भ लें।

5. बाज़ारों और पीडी के लिए मानक बाज़ार जोखिम पूंजी प्रभार की गणना के लिए क्या प्रक्रिया होगी।

उत्तर: वर्तमान में मानकीकृत अवधि प्रक्रिया का प्रयोग करते हुए सरकारी प्रतिभूति के लिए बाज़ार जोखिम पूंजीगत प्रभार की गणना की जाती है। यह विधि नाममात्र ब्याज दरों (संशोधित अवधि) के संबंध में मूल्य संवेदनशीलता पर आधारित है। यह प्रक्रिया आईआईबी पर भी लागू होगी। नामिक ब्याज दर दो कारकों से बनाए गए हैं : वास्तविक ब्याज दर और मुद्रास्फीति अपेक्षाएँ। आईआईबी में वास्तविक दरों में केवल परिवर्तन का जोखिम है। अतः, नामिक प्रतिफल के संबंध में गणना किए गए मूल्य संवेदनशीलता आईआईबी का वास्तविक जोखिम उपलब्ध नहीं कराएगा। इस प्रकार आईआईबी के मामले में, वास्तविक प्रतिफल में परिवर्तन के मामले में मूल्य संवेदनशीलता को आईआईबी के लिए गणना की जानी चाहिए।

6. आईआईबी के लिए मूलधन को मुद्रास्फीति में वृद्धि के लिए सूचकांक किया जाना चाहिए जैसा कि बॉन्ड के अंकित मूल्य के साथ सूचकांक अनुपात के गुणन द्वारा तय किया गया है। एक बार नीलामी के बाद बाज़ार में बॉन्ड की ट्रेडिंग हो जाती है, सूचकांक अनुपात प्रत्येक दिन परिवर्तित होगा और इसी प्रकार वह मूल राशि जिस पर निर्धारित कूपन बांड का अर्जित होगा। कृपया स्पष्ट करें कि द्वितीयक बाज़ार में मूलधन और खरीदे गए आईआईबी के लिए ब्याज की गणना कैसे की जाती है।

उत्तर: प्रश्न 1 और प्रश्न 3 में उत्तर दिया गया है।

7. आईआईबी में मार्क से बाजार मूल्यवृद्धि के लिए एसएलआर उपचार क्या होगा। क्या एमटीएम के कारण बढ़ा हुआ मूलधन आईआईबी रखने वाले बैंक के लिए एसएलआर में वृद्धि के लिए पात्र होगा।

उत्तर: आईआईबी के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया को ऊपर विस्तार से बताया गया है। उसके अलावा किसी भी तरह के परिवर्तन पर विचार नहीं किया जाएगा।

8. प्राथमिक नीलामी या द्वितीयक बाज़ार में उपार्जित आईआईबी के लिए एमटीएम बढ़ोतरी या घटोतरी के लिए प्रावधान हेतु लेखांकन प्रक्रिया के बारे में कृपया सूचित करें।

उत्तर: ऊपर के प्रश्नों में दिये गए जवाब के अनुसार मूल्यांकन और लेखांकन प्रक्रिया होगी।

ये एफ़एक्यू नियत आय बाज़ार और डेरिवेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया वेबसाइट http://www.fimmda.org/ पर भी उपलब्ध है।

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