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प्रेस प्रकाशनी

भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण पर सामान्य सांख्यिकीय विवरणी - मार्च 2020

4 नवंबर 2020

भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण पर
सामान्य सांख्यिकीय विवरणी - मार्च 2020

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाटाबेस पोर्टल (डीबीआईई) (वेबलिंक https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!19) पर ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण पर सामान्य सांख्यिकीय विवरणी – मार्च 2020’1 नामक वेब प्रकाशनी का विमोचन किया। प्रकाशनी में वार्षिक सामान्य सांख्यिकीय विवरणी (बीएसआर)-1 प्रणाली के तहत एससीबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) द्वारा प्रस्तुत डाटा के आधार पर बैंक ऋण की विभिन्न विशेषताओं से संबंधित जानकारी दी गई है, जो उधारकर्ता के खाते का प्रकार, संगठन, पेशा/ गतिविधि और श्रेणी, ऋण उपयोग करने वाले स्थान का जिला और जनसंख्या समूह, ब्याज दर, ऋण सीमा तथा बकाया राशि से संबंधित जानकारी संग्रहित करता है।2

प्रमुख निष्कर्ष

  • व्यक्तिगत ऋणों में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई: मार्च 2020 में कुल ऋण में उनकी हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़कर 24.0 प्रतिशत हो गई, जो कि पाँच वर्ष पहले 16.6 प्रतिशत थी।

  • औद्योगिक क्षेत्र के लिए ऋण में और कमी आई तथा मार्च 2020 में कुल ऋण में इसकी हिस्सेदारी घटकर 30.6 प्रतिशत रह गई जोकि मार्च 2015 में 41.2 प्रतिशत थी।

  • सभी बैंक समूहों ने 2019-20 के दौरान ऋण वृद्धि में कमी दर्ज की , हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों ने संवृद्धि जारी रखा।

  • खुदरा ऋण में लगातार उच्च वृद्धि के साथ, कुल ऋण में घरेलू क्षेत्र का हिस्सा [जिसमें व्यक्तिगत, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ़), मालिकाना और साझेदारी फर्म शामिल हैं), मार्च 2020 में वास्तव में बढ़कर 51.0 प्रतिशत हो गया, जोकि मार्च 2015 में 41.8 प्रतिशत था।

  • व्यक्तियों में, महिला उधारकर्ताओं ने पांच वर्ष पहले उनकी 21.1 प्रतिशत हिस्सेदारी की तुलना में मार्च 2020 में ऋण खातों का 34.2 प्रतिशत धारित किया; इस अवधि में कुल ऋण राशि में महिला उधारकर्ताओं की हिस्सेदारी भी 17.9 प्रतिशत से बढ़कर 22.0 प्रतिशत हो गई।

  • 2019-20 के दौरान एससीबी के साथ क्रेडिट खातों की संख्या में 17.3 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की वृद्धि हुई तथा मार्च 2020 में 27.25 करोड़ खाता हो गया, जो बैंक ऋण देने की बढ़ती पहुंच को दर्शाता है।

  • हालांकि एससीबी की एक का पांचवा हिस्सा से कम शाखाएँ महानगरीय क्षेत्रों में थीं, फिर भी उन्होंने स्वीकृत ऋण का 63.5 प्रतिशत और ऋण उपयोग का 59.3 प्रतिशत दर्ज किया।

  • राज्यों में, ऋण उपयोग महाराष्ट्र (23.9 प्रतिशत) में सबसे अधिक था, इसके बाद दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) (13.0 प्रतिशत) और तमिलनाडु (9.3 प्रतिशत) रहा।

अजीत प्रसाद
निदेशक    

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/588


1 वर्तमान प्रकाशनी में ऋण संबंधी डाटा शामिल है; मार्च 2020 में जमाराशियों के आयामों पर विस्तृत डाटा को पहले ही 14 अक्तूबर 2020 को प्रकाशित किया गया था (Path: Home>Statistics>Data Release>Annual> Basic Statistical Return (BSR)2 – Deposits with Scheduled Commercial Banks (SCBs)). एससीबी (आरआरबी के अलावा) के लिए त्रैमासिक बीएसआर-1 से ऋण संकलित राशियाँ दिसंबर 2014 से अलग से रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जा रहे हैं।

2 मार्च 2020 के अंतिम शुक्रवार के पखवाड़े संबंधी फॉर्म- ए विवरणी पर आधारित बैंकिंग संकलित राशियाँ (रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 42(2) के अंतर्गत संग्रहित) पहले ही हमारे वेबसाइट (Path: Home>Statistics>Data Release>Fortnightly>Scheduled Bank's Statement of Position in India) पर प्रकाशित की गयी थी और 31 मार्च 2020 के लिए जमाराशियों तथा एससीबी के लिए ऋण संबंधी अलग-अलग सांख्यिकी भी पहले ही प्रकाशित (Path: Home>Statistics>Data Release>Quarterly> Quarterly Statistics on Deposits and Credit of SCBs) की गयी थी।


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