13 अगस्त 2019
आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) के विनियमन का भारतीय रिजर्व बैंक के पास अंतरण
वित्त (संख्या 2) अधिनियम, 2019 (2019 का 23) ने राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 को संशोधित करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक को आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) के विनियमन के लिए कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। केन्द्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है कि 09 अगस्त 2019 से उक्त अधिनियम का संबंधित अंश, अर्थात अध्याय VI का अंश VII, प्रभावी हो जाएगा।
एचएफसी को अब विनियामक प्रयोजनों के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की श्रेणियों में से एक के रूप में माना जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक एचएफसी पर लागू मौजूदा विनियामक ढांचे की समीक्षा करेगा और यथासमय संशोधित विनियमों को जारी करेगा। इस बीच, एचएफसी राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा जारी निर्देशों और अनुदेशों का तब तक अनुपालन करना जारी रखेगा जब तक कि रिजर्व बैंक एक संशोधित ढांचा जारी नहीं करता। एनएचबी एचएफसी का पर्यवेक्षण करना जारी रखेगा और एचएफसी पहले की तरह एनएचबी को विभिन्न विवरणी प्रस्तुत करना जारी रखेगा। एचएफसी के संबंध में शिकायत निवारण तंत्र भी एनएचबी के पास बना रहेगा।
आवास वित्त संस्था, जो एक कंपनी है और राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम,1987 (जैसा कि 2019 के अधिनियम 23 द्वारा संशोधित) की धारा 29क की उप-धारा 2 के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन करना चाहती है, गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क कर सकती है।
इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण ईमेल द्वारा या निम्नलिखित से प्राप्त किया जा सकता है:
मुख्य महाप्रबंधक
गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग (डीएनबीआर)
भारतीय रिजर्व बैंक
दूसरी मंजिल, केंद्र 1, विश्व व्यापार केंद्र,
कफ परेड, कोलाबा मुंबई-400005
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/419 |