प्रेस प्रकाशनी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने समुद्रपारीय प्रौद्योगिकी निधि के माध्यम से समुद्रापारीय स्टार्ट-अप में निवेश करने वाली भारतीय पार्टियों को अनुमोदन प्रदान करने के लिए प्रारूप ढांचे पर फीडबैक मांगे

30 सितंबर 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक ने समुद्रपारीय प्रौद्योगिकी निधि के माध्यम से समुद्रापारीय स्टार्ट-अप में निवेश करने
वाली भारतीय पार्टियों को अनुमोदन प्रदान करने के लिए प्रारूप ढांचे पर फीडबैक मांगे

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (मुद्रा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम) विनियमन, 2004 के अंतर्गत समुद्रपारीय प्रौद्योगिकी के माध्यम से समुद्रपारीय स्टार्ट-अप में निवेश करने वाली भारतीय पार्टियों को अनुमोदन प्रदान करने संबंधी प्रस्तावित प्रारूप ढांचा पर अभिमत/फीडबैक प्राप्त करने के लिए इसे आज अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है। प्रारूप ढांचे पर अभिमत/फीडबैक 12 अक्टूबर 2016 या इससे पहले ई-मेल किए जा सकते हैं।

पृष्ठभूमि

रिज़र्व बैंक को समुद्रपारीय प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए विभिन्न भारतीय पार्टियों से संदर्भ प्राप्त हो रहे हैं। इसे आगे समुद्रपारीय प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप में निवेश किया जाएगा। इस प्रकार के प्रस्ताव समय-समय पर यथासंशोधित 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120 के विनियम 6 या 7 के संबंध में स्वचालित मार्ग के तहत समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश के लिए पात्रता मानदंडों को सामान्यतः पूरा नहीं करते हैं। यह प्रस्ताव किया गया है कि रिज़र्व बैंक इन अनरोधों का निपटान इसी अधिसूचना के विनियम 9 के अनुसार अनुमोदन मार्ग के तहत करेगा। यह अधिसूचना भारतीय पार्टी को पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने में समर्थ बनाती है यदि वे स्वचालित मार्ग के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं.

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/818


2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष