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प्रेस प्रकाशनी

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2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई - सितंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

1 दिसंबर 2025

2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई - सितंबर) के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की गतिविधियां

दूसरी तिमाही अर्थात् जुलाई - सितंबर 2025-26 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े, विवरण । और ।। में प्रस्‍तुत किए गए हैं।

2025-26 की दूसरी तिमाही के दौरान भारत के भुगतान संतुलन की मुख्य विशेषताएं

  • भारत का चालू खाता घाटा 2025-26 की दूसरी तिमाही में 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) तक कम हुआ, जो 2024-25 की दूसरी तिमाही में 20.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.2 प्रतिशत) था (तालिका 1)।1,2

  • 2025-26 की दूसरी तिमाही में पण्य व्यापार घाटा 87.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2024-25 की दूसरी तिमाही में 88.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में कम था।

  • 2025-26 की दूसरी तिमाही में निवल सेवा आय एक वर्ष पूर्व 44.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 50.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई।

  • कंप्यूटर सेवाओं और अन्य व्यावसायिक सेवाओं जैसी प्रमुख श्रेणियों में सेवा निर्यात में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर वृद्धि हुई है।

  • प्राथमिक आय खाते पर निवल व्यय, जो मुख्य रूप से निवेश आय के भुगतानों को दर्शाता है, 2024-25 की दूसरी तिमाही में 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2025-26 की दूसरी तिमाही में 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • द्वितीयक आय खाते के अंतर्गत व्यक्तिगत अंतरण आय, जो मुख्यतः विदेश में कार्यरत भारतीयों द्वारा विप्रेषणों को दर्शाती है, 2024-25 की दूसरी तिमाही में 34.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2025-26 की दूसरी तिमाही में 38.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई।

  • वित्तीय खाते में, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) ने 2025-26 की दूसरी तिमाही में 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया, जबकि 2024-25 की उक्त अवधि में 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह था।

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) ने 2025-26 की दूसरी तिमाही में 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया, जबकि 2024-25 की दूसरी तिमाही में 19.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह था।

  • भारत में बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के अंतर्गत निवल अंतर्वाह 2025-26 की दूसरी तिमाही में 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि एक वर्ष पूर्व उक्त अवधि में यह 5.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह था।

  • अनिवासी जमाराशियों (एनआरआई जमाराशियों) में 2025-26 की दूसरी तिमाही में 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया गया, जबकि एक वर्ष पूर्व यह 6.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

  • 2025-26 की दूसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों (बीओपी आधार पर) में 10.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई, जबकि 2024-25 की दूसरी तिमाही में इसमें 18.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी।

अप्रैल–सितंबर 2025 (2025-26 की पहली छमाही) के दौरान भुगतान संतुलन

  • भारत का चालू खाता घाटा 2024-25 की पहली छमाही में 25.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) से घटकर 2025-26 की पहली छमाही में 15.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.8 प्रतिशत) रह गया (तालिका 1)।

  • 2025-26 की पहली छमाही में निवल अदृश्य प्राप्तियाँ3 141.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही, जो एक वर्ष पूर्व 123.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में अधिक थी, जो मुख्य रूप से निवल सेवा आय और निवल व्यक्तिगत अंतरणों के कारण था।

  • 2025-26 की पहली छमाही में निवल एफडीआई अंतर्वाह 2024-25 की पहली छमाही में 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 7.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

  • 2025-26 की पहली छमाही में एफपीआई में 4.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल बहिर्वाह दर्ज किया गया, जबकि एक वर्ष पूर्व इसमें 20.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह था।
  • 2025-26 की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा आरक्षित निधियों (बीओपी आधार पर) में 6.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी आई, जबकि एक वर्ष पूर्व उक्त अवधि में 23.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई थी।

तालिका 1: भारत के भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें

(बिलियन अमेरिकी डॉलर)

  जुलाई – सितंबर 2024 पीआर जुलाई – सितंबर 2025 पी अप्रैल – सितंबर 2024 पीआर अप्रैल – सितंबर 2025 पी
  जमा नामे निवल जमा नामे निवल जमा नामे निवल जमा नामे निवल
क. चालू खाता 245.8 266.6 -20.8 266.7 279.0 -12.3 491.8 517.1 -25.3 523.1 538.1 -15.0
1. वस्तु 100.6 189.2 -88.5 109.4 196.8 -87.4 215.8 364.1 -148.3 222.1 378.4 -156.3
   जिसमें से:                        
     पीओएल 12.4 41.5 -29.2 13.4 42.9 -29.5 36.6 93.1 -56.4 30.4 92.1 -61.7
2. सेवाएं 93.4 48.9 44.5 101.6 50.7 50.9 182.0 97.7 84.3 199.0 100.2 98.8
3. प्राथमिक आय 16.5 25.7 -9.2 16.7 28.9 -12.2 29.2 49.2 -20.0 28.9 53.8 -25.0
4. द्वितीयक आय 35.3 2.8 32.4 39.0 2.6 36.5 64.8 6.0 58.8 73.1 5.6 67.5
ख. पूंजी लेखा और वित्तीय लेखा 317.4 296.1 21.3 384.2 372.7 11.5 580.2 555.2 25.0 673.5 658.6 14.9
   जिसमें से:                        
1. प्रत्यक्ष निवेश 21.1 24.0 -2.8 25.9 23.1 2.9 45.1 41.7 3.4 53.2 45.4 7.7
2. पोर्टफोलियो निवेश 182.1 162.3 19.9 135.6 141.3 -5.7 342.0 321.2 20.8 281.9 286.1 -4.1
3. अन्य निवेश 107.6 79.2 28.4 205.7 198.5 7.2 180.4 146.7 33.7 315.8 301.6 14.2
   जिसमें से:                        
     एनआरआई जमाराशियाँ 28.9 22.8 6.2 23.3 20.9 2.5 52.3 42.2 10.2 47.1 41.0 6.1
     भारत को ईसीबी 12.4 7.5 5.0 6.9 5.3 1.6 20.9 14.3 6.6 17.7 12.4 5.3
4. आरक्षित आस्तियाँ [वृद्धि (-)/कमी (+)] 0.0 18.6 -18.6 10.9 0.0 10.9 0.0 23.8 -23.8 10.9 4.5 6.4
ग. भूल-चूक (-) (क+ख) 0.0 0.4 -0.4 0.8 0.0 0.8 0.3 0.0 0.3 0.1 0.0 0.1
पीआर: आंशिक रूप से संशोधित; और पी: प्रारंभिक।
नोट : पूर्णांकन के कारण उप घटकों का योग कुल योग से भिन्न हो सकता है।

(ब्रिज राज)   
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1598


1 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए चालू खाता घाटा, सीमा शुल्क आंकड़ों में निर्यात में अधोगामी संशोधन के कारण, 16.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.8 प्रतिशत) से बढ़कर 20.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.2 प्रतिशत) कर दिया गया। 2025-26 की पहली तिमाही में, चालू खाता घाटा 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.3 प्रतिशत) रहा।

2 दीर्घावधि समय शृंखला आंकड़ों के लिए, कृपया देखें: CIMS DBIE (rbi.org.in) › Statistics › External Sector › International Trade › Quarterly/Yearly।

3 निवल अदृश्य प्राप्तियों में सेवाएं, प्राथमिक आय और द्वितीयक आय खाते शामिल होते हैं।


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