Click here to Visit the RBI’s new website

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

प्रेस प्रकाशनी

(299 kb )
रिज़र्व बैंक ने भारत में ओटीसी डेरिवेटिव लेनदेन के लिए विशिष्ट लेनदेन अभिज्ञापक संबंधी परिपत्र का मसौदा जारी किया

23 अक्तूबर 2025

रिज़र्व बैंक ने भारत में ओटीसी डेरिवेटिव लेनदेन के लिए विशिष्ट लेनदेन अभिज्ञापक संबंधी परिपत्र का
मसौदा जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर ओटीसी डेरिवेटिव लेनदेन के लिए विशिष्ट लेनदेन अभिज्ञापक संबंधी परिपत्र का मसौदा जारी किया। इस परिपत्र के मसौदे पर बैंकों, बाज़ार सहभागियों और अन्य इच्छुक पक्षों से 14 नवंबर 2025 तक टिप्पणियाँ आमंत्रित हैं।

परिपत्र के मसौदे पर प्रतिक्रिया निम्नलिखित पते पर:

मुख्य महाप्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्तीय बाजार विनियमन विभाग
9वीं मंज़िल, केंद्रीय कार्यालय भवन
शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट
मुंबई – 400 001

या ईमेल द्वारा, विषय पंक्ति “भारत में ओटीसी डेरिवेटिव लेनदेन के लिए विशिष्ट लेनदेन अभिज्ञापक संबंधी परिपत्र के मसौदे पर प्रतिक्रिया” के साथ भेजी जा सकती है।

पृष्ठभूमि और उद्देश्य

विशिष्ट लेनदेन अभिज्ञापक (यूटीआई), वैध इकाई अभिज्ञापक (एलईआई) के साथ, ओटीसी डेरिवेटिव लेनदेन की रिपोर्टिंग के लिए वैश्विक स्तर पर पहचाने जाने वाले प्रमुख डेटा तत्वों में से एक है। जहाँ एलईआई किसी ओटीसी डेरिवेटिव लेनदेन के प्रतिपक्षकारों की विशिष्ट पहचान करता है, वहीं यूटीआई किसी लेनदेन के लिए एक विशिष्ट संदर्भ संख्या के रूप में कार्य करता है। यह नीति निर्माताओं को लेनदेन के वैश्विक एकत्रीकरण को सुगम बनाकर ओटीसी डेरिवेटिव बाजारों की एक व्यापक समझ प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। विश्व भर के अधिकांश प्रमुख अधिकार क्षेत्रों में ओटीसी डेरिवेटिव लेनदेन के लिए एलईआई की रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी गई है। कई प्रमुख अधिकार क्षेत्रों में यूटीआई भी लागू हो चुका है/ लागू होने की प्रक्रिया में है। भारत में, एलईआई पहले ही लागू हो चुका है। अब सभी ओटीसी डेरिवेटिव लेनदेन के लिए यूटीआई को अनिवार्य करने का प्रस्ताव है।

(ब्रिज राज)   
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1367


2025
2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष