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प्रेस प्रकाशनी

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भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम: संभावित भावी एक्स्पोज़र की गणना के लिए अतिरिक्त कारक - संशोधित अनुदेश’ संबंधी परिपत्र के मसौदे पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित कीं

20 अगस्त 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम: संभावित भावी एक्स्पोज़र की गणना
के लिए अतिरिक्त कारक - संशोधित अनुदेश’ संबंधी परिपत्र के मसौदे
पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित कीं

कृपया 'बासेल III पूंजी विनियमन' पर दिनांक 1 अप्रैल 2025 के मास्टर परिपत्र DOR.CAP.REC.2/21.06.201/2025-26 के पैराग्राफ 5.15.3 में निहित प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम (सीसीआर) संबंधी अनुदेश का संदर्भ लें। रिज़र्व बैंक ने आज प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम: संभावित भावी एक्स्पोज़र की गणना के लिए अतिरिक्त कारक - संशोधित अनुदेश पर परिपत्र का मसौदा जारी किया है, जो उपरोक्त अनुदेशों को संशोधित करता है।

परिपत्र के मसौदे पर बैंकों, बाज़ार सहभागियों और अन्य इच्छुक पक्षों से 10 सितंबर 2025 तक टिप्पणियाँ आमंत्रित हैं। टिप्पणियाँ/ प्रतिक्रियाएँ रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध 'कनेक्ट टू रेगुलेट' खंड के अंतर्गत दिए गए लिंक के माध्यम से प्रस्तुत की जा सकती हैं या वैकल्पिक रूप से निम्नलिखित पते पर:

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
बाज़ार जोखिम समूह
विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय
भारतीय रिज़र्व बैंक, 12वीं मंज़िल
शहीद भगत सिंह मार्ग
फोर्ट मुंबई - 400 001
या
ई-मेल द्वारा

विषय पंक्ति: 'प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम: संभावित भावी एक्स्पोज़र की गणना के लिए अतिरिक्त कारक - संशोधित अनुदेश पर प्रतिक्रिया’ के साथ भेजी जा सकती हैं।

पृष्ठभूमि और उद्देश्य

बैंकों के लिए पूँजी पर्याप्तता पर मौजूदा अनुदेशों में प्रतिपक्षकार ऋण जोखिम (सीसीआर) की गणना के लिए चालू एक्सपोज़र पद्धति (सीईएम) निर्धारित की गई है। रिज़र्व बैंक ने इन अनुदेशों की समीक्षा की है ताकि (i) यह स्पष्ट किया जा सके कि इक्विटी डेरिवेटिव्स और कमोडिटी डेरिवेटिव्स खंडों में सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के समाशोधन सदस्य के रूप में कार्य करने वाले बैंकों को सीसीआर के लिए पूँजी प्रभार बनाए रखना आवश्यक है; तथा (ii) 'ब्याज दर संविदाओं’ और 'विनिमय दर संविदाओं और स्वर्ण' के लिए सीईएम में संभावित भावी एक्सपोज़र (पीएफई) की गणना हेतु अतिरिक्त कारकों को बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासेल समिति (बीसीबीएस) के दिशानिर्देशों के साथ व्यापक रूप से संरेखित किया जा सके, जो अगस्त 2008 में दिशानिर्देशों के अंतिम संशोधन के बाद से संबंधित बाजार खंडों के विकास और गहनता को दर्शाता है।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/942


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