3 मई 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर सं. 04/2024:
आवासीय ऋण गतिकी पर समष्टि-विवेकपूर्ण नीतियों के प्रभाव का आकलन: भारत से साक्ष्य
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर शृंखला1 के अंतर्गत “आवासीय ऋण गतिकी पर समष्टि-विवेकपूर्ण नीतियों के प्रभाव का आकलन: भारत से साक्ष्य" शीर्षक से एक वर्किंग पेपर जारी किया। पेपर के सह-लेखन अमर नाथ यादव, विवेक कुमार, अलोक कुमार चक्रवाल और ज्योति कुमारी ने किया है।
यह पेपर एक डायनामिक पैनल रिग्रेशन मॉडल और बैंक-स्तरीय त्रैमासिक आंकड़ों का उपयोग करके भारत में आवासीय क्षेत्र को प्रदत्त बैंक ऋण संवृद्धि को नियंत्रित करने में समष्टि-विवेकपूर्ण (एमएपी) नीति की प्रभावशीलता का परीक्षण करता है। इस पेपर में यह पता चलता है कि आवासीय ऋण संवृद्धि को प्रभावित करने में एमएपी नीति काफी प्रभावी रही। कार्रवाइयों में नरमी की तुलना में सख्त नीतिगत कार्रवाइयों का अधिक प्रभाव पड़ा। व्यापार चक्र में उछाल से एमएपी नीति का प्रभाव कमजोर नहीं हुआ। सख्त एमएपी नीति और सख्त मौद्रिक नीति का संयोजन, आवासीय क्षेत्र की अनर्जक आस्तियों (एनपीए) में कमी ला सकती है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/242
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