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भारतीय रिज़र्व बैंक ने जोगिन्द्र सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलन, हिमाचल प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया

22 अप्रैल 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जोगिन्द्र सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलन, हिमाचल प्रदेश
पर मौद्रिक दंड लगाया   

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 31 मार्च 2024 के आदेश द्वारा जोगिन्द्र सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलन, हिमाचल प्रदेश (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी 'धोखाधड़ी-वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 3.50 लाख (तीन लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। नाबार्ड के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि धोखाधड़ी की सूचना देने में विलंब का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/154


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