15 फरवरी 2024
कार्ड नेटवर्क द्वारा भुगतान मध्यस्थ- अनधिकृत भुगतान प्रणाली पर रोक
भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में यह आया है कि एक कार्ड नेटवर्क में एक ऐसी व्यवस्था थी जो व्यवसायों को कुछ मध्यस्थों के माध्यम से उन संस्थाओं को कार्ड से भुगतान करने में सक्षम बनाती है जो कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करते हैं।
2. इस व्यवस्था के अंतर्गत, मध्यस्थ, कॉरपोरेट्स से उनके वाणिज्यिक भुगतान के लिए कार्ड से भुगतान स्वीकार करता है और फिर कार्ड स्वीकार न करने वाले प्राप्तकर्ताओं को आईएमपीएस/ आरटीजीएस/ एनईएफ़टी के माध्यम से धनराशि विप्रेषित करता है।
3. बारीकी से जांच करने पर, यह देखा गया कि यह व्यवस्था भुगतान प्रणाली के रूप में योग्य है। संदाय और निपटान प्रणाली (पीएसएस) अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के अंतर्गत, ऐसी भुगतान प्रणाली के लिए पीएसएस अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत प्राधिकरण की आवश्यकता होती है, जो तत्काल मामले में प्राप्त नहीं किया गया है। अतः, इस गतिविधि को कोई विधिक स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है।
4. इस व्यवस्था ने निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न की हैं:
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उपरोक्त व्यवस्था में मध्यस्थ ने बड़ी मात्रा में धनराशि एक ऐसे खाते में जमा की जो पीएसएस अधिनियम के अंतर्गत निर्दिष्ट खाता नहीं है।
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इस व्यवस्था के अंतर्गत प्रसंस्कृत लेन-देन, रिज़र्व बैंक द्वारा जारी केवाईसी पर मास्टर निदेश के अंतर्गत निर्धारित प्रवर्तक और लाभार्थी की जानकारी संबंधी अपेक्षाओं का अनुपालन नहीं करते हैं।
5. उपलब्ध जानकारी के अनुसार, देश में अब तक केवल एक कार्ड नेटवर्क ने ही इस व्यवस्था को संचालित किया है।
6. चूंकि मामला विस्तृत जांच के अधीन है, अतः कार्ड नेटवर्क को अगले आदेश तक ऐसी सभी व्यवस्थाएं स्थगित रखने हेतु सूचित किया गया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि रिज़र्व बैंक ने कारोबारी क्रेडिट कार्ड के सामान्य उपयोग के संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1885
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