8 दिसंबर 2023
एमपीसी प्रेस कॉन्फ्रेंस -
गवर्नर की प्रारंभिक टिप्पणियाँ
मैं आज की मौद्रिक नीति का सार समझने के लिए कुछ टिप्पणियाँ करना चाहूँगा।
1. 2020 से 2023 के वर्ष शायद इतिहास में 'महान अस्थिरता' के काल के रूप में दर्ज किये जायेंगे।
2. भारत की जीडीपी संवृद्धि आघात-सहनीय और मजबूत बनी हुई है, जैसा कि चालू वर्ष में 7 प्रतिशत की संवृद्धि के हमारे अनुमान से परिलक्षित होता है।
3. मुद्रास्फीति के संबंध में, 2022 की गर्मी हमारे पीछे है। हमने मुद्रास्फीति को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। मूल मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट से इस बात का संकेत मिलता है कि मौद्रिक नीति कार्य कर रही है।
4. आगे चलकर, मुद्रास्फीति प्रबंधन ऑटो-पायलट पर नहीं हो सकता। अनिश्चित खाद्य कीमतों के कारण भविष्य की राह धूमिल होने की आशंका है। नवंबर के लिए सीपीआई डेटा उच्च होने की उम्मीद है।
5. एमपीसी, चल रही अवस्फीति प्रक्रिया के पथ से भटकने के किसी भी संकेत के प्रति अत्यधिक सतर्क रहेगी। उभरती स्थिति के आधार पर, एमपीसी, 4 प्रतिशत लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उचित कार्रवाई करेगी।
6. मौद्रिक नीति के अनुरूप चलनिधि का सक्रियता से प्रबंधन किया जाएगा।
7. वित्तीय क्षेत्र का तुलन- पत्र मजबूत बना हुआ है। तनाव के क्षेत्रीय और संस्थान विशिष्ट संकेतों की सक्रिय रूप से निगरानी की जा रही है और उनका समाधान किया जा रहा है। हम घर में आग लगने और फिर कार्रवाई करने का इंतज़ार नहीं करते । हर समय विवेकशीलता हमारा मार्गदर्शक दर्शन है।
8. चालू खाता घाटा (सीएडी) के कम रहने और आराम से वित्तपोषित होने की उम्मीद है।
9. 604 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि वैश्विक प्रभाव-प्रसार के विरुद्ध एक मजबूत बफर प्रदान करता है।
10. भारतीय रुपये की स्थिरता भारतीय अर्थव्यवस्था के समष्टि आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों में सुधार और विकट वैश्विक सुनामी के सामने इसकी आघात-सहनीयता को दर्शाती है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1442 |