17 जनवरी 2023
डीआरजी अध्ययन संख्या 48: भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक:
मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन1 जारी किया। इस अध्ययन के सह-लेखक भारतेंदु सिंह, राज राजेश, रमेश गोलैट और के. सैमुअल एल. हैं।
इस अध्ययन में मिजोरम राज्य में किए गए एक सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्र किए गए प्राथमिक आंकड़ों के आधार पर भारत के अल्प-बैंक वाले उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता के निर्धारकों का मूल्यांकन किया गया है। मिजोरम के चार जिलों के आठ ब्लॉकों से कुल 523 उत्तरदाताओं का चयन किया गया था। इस अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:
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क्षेत्र में वित्तीय जागरूकता का स्तर सीमित था - लगभग 32 प्रतिशत उत्तरदाताओं को बचत बैंक खाते के अलावा किसी अन्य वित्तीय उत्पादों के बारे में जानकारी नहीं थी।
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लगभग 20 प्रतिशत उत्तरदाताओं को भुगतान की बुनियादी विकल्पों तक की जानकारी भी कम थी, और लगभग 43 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने जागरूकता के बावजूद उपलब्ध विकल्पों के कम उपयोग के बारे में बताया।
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लगभग आधे उत्तरदाताओं को बैंकों के अलावा अन्य वित्तीय संस्थानों, जैसे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सूक्ष्म वित्त संस्थानों और लघु वित्त बैंकों के बारे में जानकारी नहीं थी।
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उत्तरदाताओं में जीवन बीमा कवर का उपयोग कम था।
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अध्ययन किए गए क्षेत्र के लिए वित्तीय समावेशन स्कोर और वित्तीय साक्षरता स्कोर ओईसीडी/आईएनएफ़ई (ऑर्गनाइज़ेशन फॉर इकोनोमिक को-ऑपरेशन/इन्टरनेशनल नेटवर्क ऑन फाइनेंशियल एडुकेशन) टूलकिट का उपयोग करके उत्पन्न किए गए थे। 0 से 21 के मान पर अनुमानित औसत वित्तीय साक्षरता स्कोर 14.37 (अर्थात्, 68.43 प्रतिशत) था और 0 से 7 के मान पर औसत वित्तीय समावेशन स्कोर 3.35 (अर्थात्, 47.86 प्रतिशत) था।
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पहचाने गए कारकों में, उत्तरदाताओं के निवास स्थान (ब्लॉक), रोजगार के प्रकार और परिवार की प्रकृति (संयुक्त बनाम एकल) को उनके वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता की स्थिति को दृढ़ता से प्रभावित करते देखा गया।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1564
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