पहली तिमाही (क्यू1) अर्थात् अप्रैल-जून 2022-23 के लिए भारत के भुगतान संतुलन (बीओपी) से संबंधित प्रारंभिक आंकड़े विवरण-। (बीपीएम6 फॉर्मेट) और ।। (पुराना फॉर्मेट) में प्रस्तुत किए गए हैं।
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भारत के चालू खाते की शेष राशि ने 2022-23 की पहली तिमाही में 23.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 2.8 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया, जबकि इसमें 2021-22 की चौथी तिमाही में 13.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.5 प्रतिशत) का घाटा1 और एक वर्ष पहले (अर्थात् 2021-22 की पहली तिमाही) 6.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) का अधिशेष दर्ज किया गया था।
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2022-23 की पहली तिमाही में चालू खाते में घाटे का मुख्य कारण 2021-22 की चौथी तिमाही में वस्तु व्यापार घाटे का 54.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 68.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाना तथा निवेश आय भुगतान के निवल व्यय में वृद्धि होना था।
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कंप्यूटर और व्यावसायिक सेवाओं के निर्यात के बढ़ोत्तरी के कारण, निवल सेवा प्राप्तियों में क्रमिक रूप से और वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर वृद्धि हुई।
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कंप्यूटर, कारोबार, परिवहन और यात्रा सेवाओं में वैविध्यपूर्ण वृद्धि के कारण सेवा निर्यात में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 35.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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निजी अंतरण प्राप्तियों, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा प्रेषण का प्रतिनिधित्व करती हैं, की राशि 25.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें एक वर्ष पहले के उनके स्तर से 22.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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आय खाते से निवल व्यय, जो मुख्य रूप से निवेश आय भुगतानों को दर्शाता है, एक वर्ष पहले के 7.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 9.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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वित्तीय खाते में, निवल विदेशी प्रत्यक्ष एक वर्ष पहले के 11.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 13.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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निवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश ने 2021-22 की पहली तिमाही के दौरान 0.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अंतर्वाह की तुलना में 14.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह दर्ज किया।
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2022-23 की पहली तिमाही में भारत के लिए निवल बाह्य वाणिज्यिक उधार में 3.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बहिर्वाह दर्ज किया गया, जबकि एक वर्ष पहले इसमें 0.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्वाह दर्ज किया गया था।
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अनिवासी जमाओं ने 2021-22 की पहली तिमाही में 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 0.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवल अंतर्वाह दर्ज किया।
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2022-23 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि 2021-22 की पहली तिमाही में यह 31.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी (तालिका 1)।