Click here to Visit the RBI’s new website

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

प्रेस प्रकाशनी

(268 kb )
भारत में ग्रामीण वित्त का डिजिटलीकरण - रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब द्वारा विकसित किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उधार हेतु एक प्रायोगिक परियोजना

2 सितंबर 2022

भारत में ग्रामीण वित्त का डिजिटलीकरण - रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब द्वारा विकसित किसान क्रेडिट कार्ड
(केसीसी) उधार हेतु एक प्रायोगिक परियोजना

ग्रामीण वित्त में सभी आय स्तर वाले किसानों सहित ग्रामीण ग्राहकों को दी जाने वाली वित्तीय सेवाओं की एक शृंखला शामिल हैं। भारत जैसे देश में, ग्रामीण ऋण का समावेशी आर्थिक संवृद्धि से गहरा संबंध है, क्योंकि यह कृषि और संबद्ध गतिविधियों, सहायक उद्योगों, लघु कारोबारों आदि की आवश्यकताओं को पूरा करता है। वर्तमान में, इस तरह के वित्त को प्राप्त करने की प्रक्रिया में ग्राहक को भूमि स्वामित्व और अन्य दस्तावेजों के प्रमाण के साथ व्यक्तिगत रूप से बैंक की शाखा में जाने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी, ग्राहक को कई बार बैंक की शाखा में जाना पड़ता है। ऋण आवेदन से लेकर संवितरण तक में दो से चार सप्ताह तक का समय लग जाता है, जिससे टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) भी काफी अधिक हो जाता है।

2. भारत में ग्रामीण वित्त से जुड़ी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, ग्रामीण वित्त के विभिन्न पहलुओं का डिजिटलीकरण आरबीआई की फिनटेक पहल का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इस प्रयास में, भारतीय रिज़र्व बैंक के सहयोग से रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) द्वारा विकसित किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उधार के एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण हेतु एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की जा रही है। प्रायोगिक परियोजना में बैंकों के भीतर विभिन्न प्रक्रियाओं का स्वचालन और सेवा प्रदाताओं के साथ उनकी प्रणालियों का एकीकरण शामिल होगा। केसीसी उधार प्रक्रिया का प्रस्तावित डिजिटलीकरण इसे और अधिक कुशल बना देगा, उधारकर्ताओं के लिए लागत कम करेगा और टीएटी को काफी कम कर देगा।

3. यह प्रायोगिक परियोजना सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के चुनिंदा जिलों में क्रमशः यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और फेडरल बैंक के साथ, सहयोगी बैंकों के रूप में और संबंधित राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग से शुरू होगी। प्रायोगिक परियोजना से प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर, इन दोनों राज्यों के अन्य जिलों में और धीरे-धीरे देश भर में केसीसी उधार देने के डिजिटलीकरण का विस्तार करने की योजना है।

4. केसीसी उधार के डिजिटलीकरण पर इस प्रायोगिक परियोजना से ऋण प्रक्रिया को तेज़ तथा अधिक कुशल बनाकर सेवा रहित और अल्प सेवा प्राप्त ग्रामीण आबादी के लिए ऋण प्रवाह को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आशा है। पूरी तरह से कार्यान्वित होने पर, इसमें देश की ग्रामीण ऋण वितरण प्रणाली को बदलने की अपेक्षा की जा सकती है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/807


2025
2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष