1 जुलाई 2022
भारत की भुगतान प्रणाली की बेंचमार्किंग - अनुवर्ती अभ्यास
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज "भारत की भुगतान प्रणाली की बेंचमार्किंग" पर रिपोर्ट जारी किया, जो अन्य प्रमुख देशों के सापेक्ष भारत में भुगतान प्रणाली पारिस्थितिकी तंत्र की तुलनात्मक स्थिति प्रदान करता है।
बेंचमार्किंग अभ्यास पहली बार वर्ष 2019 में वर्ष 2017 की स्थिति के संबंध में किया गया था। यह अनुवर्ती बेंचमार्किंग अभ्यास, उन्हीं देशों और पहले के अध्ययन में उपयोग किए गए मापदंडों को शामिल करते हुए, वर्ष 2020 में स्थिति के संबंध में किया गया। वर्तमान अभ्यास की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
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भारत को 40 संकेतकों में से 25 (पिछले अभ्यास में 21) के संबंध में 'लीडर' या 'मजबूत' के रूप में वर्गीकृत किया गया था और 8 (पिछले अभ्यास में 12) संकेतकों के संबंध में 'कमजोर' के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
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भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है और बड़े मूल्य भुगतान प्रणालियों तथा तेज़ भुगतान प्रणालियों में नेतृत्व की स्थिति में पहुंच गया है, जिसने डिजिटल भुगतान में तेज़ विकास में योगदान दिया।
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पिछले अभ्यास के बाद से, भारत ने बिल भुगतान के लिए उपलब्ध डिजिटल भुगतान विकल्पों, सार्वजनिक परिवहन के लिए टिकट प्रणाली, सीमा पार धन-प्रेषण के लिए उपलब्ध चैनलों और चेक के उपयोग में गिरावट में सुधार दर्शाया है।
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यह अभ्यास इस बात को रेखांकित करता है कि स्वीकृति के बुनियादी ढांचे यथा एटीएम और पीओएस टर्मिनल में सुधार की गुंजाइश है। भुगतान अवसंरचना विकास निधि (पीआईडीएफ) योजना को वर्ष 2021 में स्वीकृति के बुनियादी ढांचे में वृद्धि और अंतर को समाप्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
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मुद्रा संचलन से जुड़े कुछ मापदंडों में भारत की रेटिंग में गिरावट, कोविड-19 महामारी से संबंधित लॉकडाउन के दौरान मूल्य के भंडार के रूप में नकदी की बढ़ती मांग और वर्ष 2020 के दौरान आर्थिक संवृद्धि में मंदी के कारण पाई गई है।
बेंचमार्किंग अभ्यास से प्राप्त शिक्षा से भारत में भुगतान परिदृश्य में और सुधार आने की आशा है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/463 |