19 अप्रैल 2021
प्रतिचक्रीय पूंजी बफर की आवश्यकता की समीक्षा
5 फरवरी 2015 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार रिज़र्व बैंक द्वारा प्रतिचक्रीय पूंजी बफर (सीसीवाईबी) की रूपरेखा तैयार की गई थी, जिसमें यह सूचित किया गया था कि सीसीवाईबी को उन परिस्थितियों में सक्रिय किया जाएगा, जब इसकी आवश्यकता होगी और कि इस निर्णय की पूर्व घोषणा सामान्य रूप से की जाएगी। इस रूपरेखा में मुख्य संकेतक के रूप में ऋण की तुलना में जीडीपी अंतराल की परिकल्पना की गई है, जिसका उपयोग ऋण की तुलना में जमा अनुपात, औद्योगिक संभावना मूल्यांकन सर्वेक्षण, ब्याज कवरेज अनुपात और आस्ति गुणवत्ता जैसे अन्य अनुपूरक संकेतकों के साथ किया जा सकता है।
सीसीवाईबी संकेतकों की समीक्षा और अनुभवजन्य परीक्षण के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि इस समय सीसीवाईबी को सक्रिय करना आवश्यक नहीं है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/79 |