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भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक - भारत पर मौद्रिक दंड लगाया

21 जनवरी 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक - भारत पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 21 जनवरी 2021 के आदेश द्वारा स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक- भारत (दि बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी "भारतीय रिज़र्व बैंक (धोखाधड़ी- वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा एफ़आई द्वारा वर्गीकरण और रिपोर्टिंग) निदेश, 2016" में निहित निदेशों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने के लिए 2 करोड़ (दो करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक को धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग में विलंब के लिए लगाया गया है, जिसके बारे में 31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण के दौरान पता चला।

बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे यह सूचित किया गया था कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के जवाब तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान प्रस्तुत मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/978


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