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प्रेस प्रकाशनी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

16 अक्तूबर 2020

भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड (दि बैंक) पर रिज़र्व बैंक द्वारा 'एक्सपोज़र मानदंड', 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और अग्रिम से संबंधित प्रावधान पर विवेकपूर्ण मानदंड', 'एसपीएआरसी - बैंक द्वारा सूचना प्रस्तुत करने की निगरानी', ''बड़े क्रेडिट पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' संबंधी निदेश के साथ पठित ‘एक समान बड़े एक्सपोज़र के केंद्रीय भंडार का निर्माण - सभी बैंकों के लिए' और 'वित्तीय विवरणों में प्रकटन- नोट्स टू अकाउंट्स' संबंधी जारी निदेशों के अननुपालन के लिए दिनांक 16 अक्तूबर 2020 के आदेश के माध्यम से 4.50 करोड़ (चार करोड़ पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।

यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 को वित्तीय स्थिति के संदर्भ में रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण और उससे संबंधित जोखिम आकलन रिपोर्ट (आरएआर) से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया जा रहा है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे पूछा गया कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक द्वारा दिये गए उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने और अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण का परीक्षण करने के बाद रिज़र्व बैंक ने यह निर्णय लिया कि उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के लिए मौद्रिक दंड लगाया जाए।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/503


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