31 अगस्त 2020
भारिबैं द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर जून 2020
तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन
आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने भारतीय अर्थव्यवस्था का डेटाबेस (DBIE) पोर्टल पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर जून 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन” जारी किया (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3)। कुल क्रेडिट और डिपॉजिट संबंधी डेटा को उसके प्रकार के अनुसार विभक्त करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिला, केंद्रों, जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। ये डेटा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर) -7 प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को भी सम्मिलित करते हुए) से एकत्र किए गए हैं।1
विशेष:
-
जून 2020 की तिमाही में बैंक क्रेडिट वृद्धि दर (वर्षानुवर्ष) एक वर्ष पूर्व के 11.7 प्रतिशत से घटकर 6.4 प्रतिशत हो गई, तथापि ग्रामीण शाखाओं की ऋण वृद्धि दर दुहरे अंकों में दर्ज़ होती रही।
-
सभी बैंक समूहों में ऋण वृद्धि दर में गिरावट पायी गयीः निजी क्षेत्र के बैंकों में ऋण वृद्धि (वर्षानुवर्ष) एक वर्ष पूर्व के 17.5 प्रतिशत से घटकर जून 2020 मे 7.2 प्रतिशत हो गई लेकिन सरकारी क्षेत्र के बैंकों के लिए इसमें वृद्धि पाई गई (5.7 प्रतिशत)।
-
सकल जमा राशियों में वृद्धि (वर्षानुवर्ष) एक वर्ष पूर्व के 10.1 प्रतिशत की तुलना में जून 2020 में बढ़कर 11.5 प्रतिशत हो गईः यह वृद्धि सभी जनसंख्या समूहों में एक जैसी पायी गई और सभी बैंक समूहों में जमा राशियों में दुहरे अंकों की वृद्धि दर्ज़ हुई।
-
अखिल भारतीय ऋण-जमा अनुपात (सी-डी रेशियो) पिछली तिमाही के 76.0 प्रतिशत से घटकर जून 2020 में 73.1 प्रतिशत था।
-
समीक्षाधीन तिमाही में अधिकतर राज्यों के लिए ऋण-जमा अनुपात में गिरावट दर्ज़ हुई जबकि महानगरीय शाखाओं, जिनकी बैंकिंग कारोबार में सर्वाधिक बड़ी हिस्सेदारी है, में यह शिखर पर (90.9 प्रतिशत) था। आंध्र-प्रदेश, चंडीगढ़, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआरटी) दिल्ली और तमिलनाडु में जबकि यह 100 प्रतिशत से भी ऊपर था।
अजीत प्रसाद
निदेशक
प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/266
|