आरबीआई/2011-12/544
डीसीएम (एफएनवी) सं. 5063/16.02.22/2011-12
09 मई 2012
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी सहित) और
अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक /
अनुसूचित (प्राथमिक) शहरी सहकारी बैंक
प्रिय महोदय / महोदया,
जाली नोटों की पहचान और रिपोर्टिंग तंत्र - मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13
कृपया बैंकनोटों की छंटनी/प्रसंस्करण विषय पर 19 नवंबर 2009 के परिपत्र संख्या एनपीडी. 3161/03.39.00 (नीति)/2009-10 के साथ पठित 19 नवंबर 2009 का हमारा निर्देश संख्या 3158/09.39.00 (नीति)/2009-10 का संदर्भ लें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि 100 और उससे अधिक मूल्यवर्ग के बैंकनोटों को उनके काउंटरों पर या एटीएम के माध्यम से पुन: तभी जारी किया जा सकता है, जब ऐसे बैंकनोटों की प्रामाणिकता / वास्तविकता की विधिवत जाँच मशीनों द्वारा की गई हो। इसके अतिरिक्त, बैंकों को यह भी सूचित किया गया कि वे ऐसी मशीनों का उपयोग एक निश्चित समय सीमा के भीतर उन सभी बैंक शाखाओं में करें जिनकी औसत दैनिक नकद प्राप्ति रु. 50 लाख और उससे अधिक है।
2. आरबीआई गवर्नर द्वारा 17 अप्रैल 2012 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13 के पैरा 127 (प्रतिलिपि संलग्न) के आलोक में, बैंकों को अब अपने नकदी प्रबंधन को इस तरह से पुनर्संरेखित करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि रु. 100 और उससे अधिक के मूल्यवर्ग के नोटों की नकदी प्राप्तियों को प्रामाणिकता के लिए मशीन द्वारा प्रसंस्कृत किए बिना फिर से संचलन में नहीं डाला जाना चाहिए।
3. उपरोक्त निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और दैनिक नकद प्राप्ति की मात्रा पर ध्यान दिए बिना सभी बैंक शाखाओं पर लागू होंगे।
4. किसी भी गैर-अनुपालन को रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निर्देश का उल्लंघन माना जाएगा।
5. कृपया पावती दें।
भवदीय
(डॉ. एन कृष्ण मोहन)
मुख्य महाप्रबंधक |