आरबीआई/2019-20/128
वि.वि.(पीसीबी).बीपीडी.परि.सं.8/12.05.002/2019-20
31 दिसंबर 2019
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदया/ महोदय,
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) में प्रबंधन मंडल (बीओएम) का गठन
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और अन्य हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित करते हुए 25 जून, 2018 को यूसीबी में प्रबंधन मंडल के गठन पर मसौदा दिशानिर्देश जारी किए थे। प्राप्त प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए, अनुबंध I के अनुसार प्रबंधन मंडल के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया है।
2. यूसीबी अपनी उप-विधियों में उपयुक्त संशोधन करके एक प्रबंधन मंडल का गठन करेंगे। नियत/उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए संलग्न दिशानिर्देशों के अनुसार, अपनी उप-विधियों में उपयुक्त संशोधनों के माध्यम से प्रबंधन मंडल में विशेष ज्ञान और बैंकिंग में व्यावहारिक अनुभव वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाए ताकि पेशेवर प्रबंधन को सुविधाजनक बनाया जा सके और यूसीबी की बैंकिंग संबंधी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। प्रबंधन मंडल का गठन करते समय, यूसीबी का निदेशक मंडल (बीओडी) योग्यता, विशेषज्ञता, ट्रैक रिकॉर्ड, अखंडता और परिशिष्ट I में निर्धारित अन्य 'योग्य और उचित' मानदंड के आधार पर प्रबंधन मंडल के सदस्य के रूप में नियुक्ति हेतु व्यक्ति की उपयुक्तता निर्धारित करने के लिए समुचित सावधानी की प्रक्रिया पूरी करेगा। सीईओ के रूप में नियुक्ति के लिए उम्मीदवार की उपयुक्तता का निर्धारण करने के लिए समुचित सावधानी की प्रक्रिया भी इसी तरह की जाएगी। इस प्रयोजन के लिए, बैंक दिशानिर्देशों के साथ संलग्न परिशिष्ट II में दिये गए प्रारूप में बीओएम /सीईओ के प्रस्तावित सदस्य से घोषणा-सह-वचनपत्र प्राप्त करेंगे। नियुक्ति के नवीनीकरण के समय भी समुचित सावधानी की उक्त प्रक्रिया की जाएगी।
3. 100 करोड़ रुपये और उससे अधिक की जमा राशि वाले यूसीबी प्रबंधन मंडल का गठन करेंगे, जो ऐसे बैंकों को अपने संचालन के क्षेत्र का विस्तार करने और नई शाखाएं खोलने की अनुमति देने के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता होगी। रुपये 100 करोड़ से कम की जमा राशि वाले यूसीबी और वेतन अर्जक बैंकों को प्रबंधन मंडल बनाने से छूट दी गई है। हालांकि, सुशासन प्रथाओं के लिए, ऐसे बैंक भी, यदि चाहे तो प्रबंधन मंडल का गठन कर सकते हैं।
4. इसके अलावा, दिशानिर्देशों के अनुसार, जिन यूसीबी की जमा राशि रु.100 करोड़ और उससे अधिक है वे सीईओ की नियुक्ति के लिए रिज़र्व बैंक की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करेंगे। इस संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि अनुसूचित यूसीबी पदस्थ सीईओ के कार्यकाल की समाप्ति से कम से कम तीन महीने पहले रिज़र्व बैंक के विनियमन विभाग से संपर्क करेंगे । बैंक संलग्नक II में दिए गए सहायक दस्तावेजों के साथ इन दिशानिर्देशों के परिशिष्ट II के अनुसार पदनामित सीईओ की घोषणा-सह-वचनपत्र के साथ-साथ सीईओ की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। गैर-अनुसूचित यूसीबी आवश्यक अनुमोदन के लिए उपर्युक्त समान तरीके से संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के पर्यवेक्षण विभाग से संपर्क करेंगे। यदि आवश्यक हो, रिज़र्व बैंक अतिरिक्त जानकारी / दस्तावेजों की मांग करने का अधिकार रखता है।
5. प्रबंधन मंडल के गठन के तुरंत बाद, प्रबंधन मंडल के गठन के लिए किए गए संशोधित उप-विधियों की एक प्रति और प्रबंधन मंडल के सदस्यों का विवरण संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के पर्यवेक्षण विभाग को सूचना और रिकॉर्ड के लिए भेज दी जाऐ। यूसीबी को प्रत्येक वर्ष 31 दिसंबर को, अवधि के अंत के 15 दिनों के भीतर अनुलग्नक III में दिए गए प्रारूप के अनुसार, बीओएम के सदस्यों की वार्षिक विवरणी भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों में प्रस्तुत करनी होगी।
भवदीय,
(नीरज निगम)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुः अनुलग्नक I, II, III परिशिष्ट I, II
अनुलग्नक I
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए प्रबंधन मंडल के दिशानिर्देश
(परिपत्र विवि (पीसीबी) बीपीडी.परि सं.8/12.05.002/2019-20 दिनांक 31 दिसंबर, 2019 देखें)
1. परिचय
श्री वाई.एच. मालेगाम (2011) की अध्यक्षता में गठित "नए शहरी सहकारी बैंकों की लाइसेंसिंग" पर विशेषज्ञ समिति ने, अन्य बातों के साथ-साथ यह भी कहा था कि दोहरे नियंत्रण से उत्पन्न होने वाले मुद्दों का समाधान करने और यूसीबी के कामकाज में सुधार लाने के लिए यह वांछनीय है कि जो व्यक्ति यूसीबी के मामलों का प्रबंधन करते हैं वे पेशेवर रूप से सक्षम हो, निहित स्वार्थों से रहित हो तथा पर्यवेक्षण और नियंत्रण के अधीन हो। तदनुसार, इसके द्वारा एक नए संगठन की संरचना का प्रस्ताव दिया गया था जिसमें निदेशक मंडल के अलावा प्रबंधन मंडल भी शामिल हो। श्री आर. गांधी (2015) की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया, जिसमें यह दोहराया गया कि मालेगाम समिति द्वारा सामने रखे गए बीओएम की अवधारणा को यूसीबी के विस्तार के लिए अनिवार्य शर्तों में से एक होना चाहिए। रिजर्व बैंक ने आम जनता और हितधारकों से टिप्पणियां मांगने के लिए 20 अगस्त, 2015 को अपनी वेबसाइट पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की रिपोर्ट रखी। आरबीआई ने एचपीसी द्वारा की गई सिफारिशों पर यूसीबी की स्थायी सलाहकार समिति के सदस्यों और बाद में चुनिंदा सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार / उनके प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। हितधारकों की प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद, यूसीबी में निदेशक मंडल के अलावा प्रबंधन मंडल (प्रबंधन मंडल) बनाने संबंधी मालेगाम समिति के सुझाव को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में दिशा-निर्देश नीचे दिए गए हैं:
2. उद्देश्य
वर्तमान कानूनी ढांचे के तहत, यूसीबी का निदेशक मंडल कार्यकारी और पर्यवेक्षी दोनों भूमिकाएं निभाता है और उस पर यूसीबी के कामकाज को एक सहकारी समिति के साथ-साथ एक बैंक के रूप में भी देखरेख करने की जिम्मेदारी है। चूंकि यूसीबी जनता से जमा राशि स्वीकार कर रहे हैं, इसलिए यह जरूरी है कि जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एक अलग तंत्र स्थापित किया जाए। तदनुसार, पेशेवर प्रबंधन सुसाध्य बनाने और बैंकिंग से संबन्धित यूसीबी की गतिविधियों पर और ध्यान देने के उद्देश्य से बैंकिंग में विशेष ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव रखनेवाले सदस्यों को शामिल करते हुए प्रबंधन मंडल को लागू करने का प्रस्ताव किया जाता है।
3. प्रबंधन मंडल (बीओएम) का गठन
3.1 100 करोड़ रुपये और उससे अधिक की जमा राशि के प्रत्येक यूसीबी में निदेशक मंडल के अतिरिक्त एक प्रबंधन मंडल (बीओएम) होना चाहिए। ऐसे यूसीबी के निदेशक मंडल (बीओडी) द्वारा इस परिपत्र की तारीख से एक साल की अवधि के भीतर बीओएम को गठित किया जाएगा। नीचे दिए गए पैरा 4 में उल्लिखित कार्यों के अलावा, बीओडी बैंक की उचित कार्यप्रणाली के लिए जो शक्तियां आवश्यक हों वो सौंप सकता है।
3.2 वेतन अर्जक बैंकों सहित अन्य यूसीबी स्वेच्छा से बीओएम का गठन कर सकते हैं। रु.100 करोड़ और उससे अधिक के जमा राशि वाले यूसीबी के लिए, बीओएम का गठन नई शाखाएँ खोलने / संचालन के क्षेत्र के विस्तार के लिए एक अनिवार्य शर्त होगी।
4. प्रबंधन मंडल के कार्य
बीओएम, यूसीबी के बैंकिंग संबंधी कार्यों की निगरानी, नीति निर्माण में बीओडी की सहायता और बैंक के समुचित कार्य के लिए मंडल द्वारा विशेष रूप से सौंपे गए अन्य संबंधित कार्य करेगा। बीओएम के कार्यों में निम्नलिखित शामिल होंगे:
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ऋणों की मंजूरी के लिए मंडल या मंडल की किसी समिति को सौंपे जा रहे सभी प्रस्तावों पर विशेषज्ञ की सलाह देना ।
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एनपीए की वसूली, एकबारगी निपटान या समझौता निपटान के लिए कार्रवाई की सिफारिश करना और उसकी निगरानी में मंडल की सहायता करना ।
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बैंक में धनराशि और ऋण प्रबंधन की देखरेख करना ।
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मंडल की स्वीकृत नीति के अनुसार बैंक के फंड के निवेश के लिए प्रस्तावों की सिफारिश करना ।
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बैंक में आंतरिक नियंत्रण और प्रणालियों और जोखिम प्रबंधन पर निगरानी ।
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बैंक में कम्प्यूटरीकरण, प्रौद्योगिकी अपनाने और अन्य आकस्मिक मुद्दों के कार्यान्वयन की निगरानी करना
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अनुपालन सहित आंतरिक लेखा परीक्षा और निरीक्षण कार्यों की देखरेख करना
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शिकायत निवारण प्रणाली पर निगरानी
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बैंकिंग कार्यों, उदाहरण के लिए ऋण नीति, निवेश नीति, वसूली नीति, एएलएम और जोखिम प्रबंधन आदि से संबंधित नीतियों के निर्माण में मंडल की सहायता करना ताकि यह सुनिश्चित कर सके कि नीतियां आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं
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बीओडी द्वारा सौंपी गई कोई अन्य जिम्मेदारी ।
नोट करें : अगर बीओएम की सिफारिशों से बीओडी सहमत नही होता है, तो वह लिखित रूप से, रिकार्ड कर इसके कारण प्रस्तुत करेगा।
5. बीओएम का आकार
बीओएम (सीईओ को छोड़कर) में न्यूनतम पांच सदस्य होंगे। बीओएम में सदस्यों की अधिकतम संख्या बारह से अधिक नहीं होगी। सीईओ मतदान रहित सदस्य होगा।
6. बीओएम के सदस्यों की योग्यता
(i) बीओएम के सभी सदस्यों में निम्नलिखित मामलों में से एक या अधिक मामलों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव होना चाहिए:-
क. लेखाशास्त्र
ख. कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था
ग. बैंकिंग
घ. सहकारिता
च. अर्थशास्त्र
छ. वित्त
ज. विधि
झ. लघु उद्योग
ट. सूचना प्रौद्योगिकी
ठ. कोई अन्य विषय, जो रिज़र्व बैंक की राय में शहरी सहकारी बैंक के लिए उपयोगी हो
(ii) बीओएम के सदस्य हर समय परिशिष्ट I में दिये ‘योग्य और उचित’ मानदंड को बनाए रखेंगे ।
(iii) बीओएम के सदस्यों को निदेशक मंडल के सदस्यों से लिया जा सकता है बशर्ते कि वे निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हों। हालाँकि, बीओएम के 50 प्रतिशत से अधिक सदस्य बीओडी से नहीं होंगे। हर परिस्थिति में, बीओएम में बीओडी के बाहर से कम से कम दो सदस्य रहेंगे।
(iv) बीओएम के एक सदस्य को एक से अधिक तथा अधिकतम तीन बैंक में नियुक्त किया जा सकता है, बशर्ते कि संचालन क्षेत्र का ओवरलैप न हो।
(v) संबंधित सहकारी समितियों के अधिनियम के अंतर्गत किसी बीओडी के सदस्य के लिए निर्धारित कोई भी अयोग्यता बीओएम के सदस्य पर भी लागू होगी।
7. बीओएम की बैठकें
बीओएम ऐसी आवधिकता पर बैठकें आयोजित कर सकता है जो आवश्यक समझा जाए। बीओएम के अध्यक्ष को बीओएम के सदस्यों द्वारा अपने बीच से चुना जा सकता है या बीओडी द्वारा नियुक्त किया जा सकता है। किसी भी परिस्थिति में बीओडी के अध्यक्ष को बीओएम के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त नहीं किया जाएगा और प्रत्येक यूसीबी बैठक के मिनटों का उचित रिकॉर्ड बनाए रखेगा और उसे बीओडी को प्रस्तुत करेगा। बैठक के लिए कोरम बीओएम के कुल सदस्यों का दो-तिहाई होगा।
8. बैठक के लिए शुल्क
बीओएम के सदस्यों को उनकी सेवाओं के लिए भत्ता / बैठक की फीस का भुगतान जो यूसीबी के उपनियमों में उल्लिखित है या बीओडी के अनुमोदन से प्रदान किया जा सकता है।
9. बीओएम का कार्यकाल
बीओएम का कार्यकाल बीओडी के कार्यकाल के साथ-साथ समाप्त होगा।
10. निदेशक मण्डल के कार्य
बीओडी यूसीबी के सामान्य दिशा निर्देशन और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार रहेगा। वे संबंधित सहकारी समितियों के अधिनियम में बताए गए सभी प्रशासनिक कार्यों की देखभाल करना जारी रखेंगे। बीओडी शीर्ष नीति निर्धारण निकाय बना रहेगा और मंडल को उसकी जिम्मेदारियां निभाने में सहायता के लिए मंडल की विभिन्न समितियों का गठन करेगा, जिसमें प्रबंधन मंडल भी शामिल होगा । वह विभिन्न समितियों को उपयुक्त समझे जाने वाली शक्तियाँ सौंपेगा । बीओडी यह सुनिश्चित करेगा कि बीओएम और मंडल की समितियों को सौंपी गई शक्तियों में कोई टकराव न हो। यूसीबी के सीईओ को मंडल द्वारा नियुक्त किया जा सकता है और वह परिशिष्ट I में निर्धारित 'योग्य और उचित' मानदंडों को पूरा करने वाला व्यक्ति होगा। रु.100 करोड़ और उससे अधिक की जमा राशि वाले यूसीबी सीईओ की नियुक्ति के लिए आरबीआई से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करेंगे।
11. सीईओ के कार्य
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बीओडी के सामान्य अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण में होगा और बीओडी द्वारा प्रत्यायोजित शक्तियों का प्रयोग और कार्यों का निर्वहन करेगा। वह बीओडी और बीओएम के पदेन सदस्य भी होगा।
12. बीओएम और सीईओ पर आरबीआई की शक्तियाँ
यदि यह पाया जाता है कि बीओएम का कोई सदस्य और / या सीईओ आरबीआई द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करता है या बैंक या उसके जमाकर्ताओं या दोनों के हितों के लिए हानिकारक तरीके से कार्य करता है तो आरबाई के पास उसे हटाने की शक्तियां होंगी। बीओएम के किसी भी सदस्य को हटाने से पहले/ बीओएम के किसी भी सदस्य द्वारा प्रदत्त त्यागपत्र को स्वीकार करने से पहले बीओडी को आरबीआई से सहमति प्राप्त करनी होगी। अगर बीओएम का कामकाज असंतोषजनक पाया जाता है तो आरबीआई के पास बीओएम को अधिक्रमित करने की शक्तियां भी होंगी। बीओएम के सदस्य या सीईओ को हटाने के बाद या बीओएम के अधिक्रमण के बाद, जैसा भी मामला हो, तीन महीने की अवधि के भीतर बीओडी एक नए सदस्य या सीईओ की नियुक्ति करेगा या एक नए बीओएम का गठन करेगा । अंतरिम व्यवस्था के रूप में, बीओएम के कार्यों को बीओडी अंजाम दे सकता है।
13. उप-विधियों में संशोधन
यूसीबी बीओडी के अलावा बीओएम के गठन के लिए सामान्य निकाय और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार की मंजूरी के साथ, अपनी उप-विधियों में उपयुक्त संशोधन करेंगे।
अनुलग्नक II
दस्तावेज़ों की सूची
(परिपत्र विवि (पीसीबी) बीपीडी.परि सं.8/12.05.002/2019-20 दिनांक 31 दिसंबर, 2019 देखें)
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सीईओ की नियुक्ति के अनुमोदन के लिए बैंक की मुहर के साथ प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित आवेदन जमा करते हुए यूसीबी का प्रावरण पत्र
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बीओएम संबंधी दिशानिर्देशों के परिशिष्ट II में निर्धारित सीईओ द्वारा घोषणा और वचन-पत्र ।
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आरबीआई से अनुमोदन के अधीन सीईओ की नियुक्ति की सिफारिश करते हुए एजीएम/विशेष एजीएम में अनुमोदित मंडल का संकल्प ।
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पहचान संबंधी दस्तावेज़ (कोई एक) – पैन कार्ड / चुनाव कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस / पासपोर्ट
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शैक्षणिक योग्यता – एचएससी उतीर्ण होने का प्रमाणपत्र, स्नातक और स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र, नामित सीईओ की शैक्षणिक योग्यता/ पेशेवर योग्यता के सबूत में अन्य कोई दस्तावेज़
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पिछले नियोक्ता/ नियोक्ताओ से अनुभव प्रमाणपत्र
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क्रेडिट सूचना रिपोर्ट (स्कोर + सम्पूर्ण रिपोर्ट) (6 महीने से से अधिक पुराना नहीं हो)
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बैंकर्स रिपोर्ट
अनुलग्नक III
बीओएम/सीईओ के सदस्यों का ब्योरा
(परिपत्र विवि (पीसीबी) बीपीडी.परि सं.8/12.05.002/2019-20 दिनांक 31 दिसंबर, 2019 देखें)
बैंक का नाम : _____________________________
बैंक का वर्गीकरण *: टियर I/ टियर II
दिसंबर ___, 20XX को समाप्त वर्ष के लिए
नाम |
नियुक्ति की तारीख |
पात्रता |
बाहरी / आंतरिक सदस्य |
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*जो लागू न हो उसे काट दें |