आरबीआई/2020-21/118
सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस34/02-14-003/2020-21
31 मार्च 2021
अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/
शहरी सहकारी बैंक/ राज्य सहकारी बैंक/
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक/ भुगतान बैंक/
लघु वित्त बैंक/ लोकल एरिया बैंक/ कार्ड भुगतान नेटवर्क/
गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता/
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम
महोदया/ महोदय,
आवर्ती ऑनलाइन लेनदेन के लिए ई-मैनडेट की प्रॉसेसिंग हेतु फ्रेमवर्क
हमारे परिपत्रों डीपीएसएस.सीओ.पीडी.नं.447/02.14.003/2019-20 दिनांक 21 अगस्त 2019, डीपीएसएस.सीओ.पीडी.नं.1324/02.23.001/2019-20 दिनांक 10 जनवरी 2020 और डीपीएसएस.सीओ.पीडी.नं.754/02.14.003/2020-21 दिनांक 04 दिसंबर 2020 का संदर्भ लें, जिनमें कार्ड/वैलट/यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस का उपयोग करके आवर्ती ऑनलाइन लेनदेन के लिए ई-मैनडेट दर्ज करने हेतु फ्रेमवर्क जारी किया गया था। इस फ्रेमवर्क ने ऐसे लेनदेन की सुरक्षा और सुविधा को पर्याप्त रूप से संतुलित करते हुए ग्राहकों की बदलती भुगतान जरूरतों का ध्यान रखा जाना सुनिश्चित किया था। हितधारकों को 31 मार्च 2021 तक फ्रेमवर्क में माइग्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय दिया गया था, जो पर्याप्त था।
2. तथापि, यह नोट किया गया है कि फ्रेमवर्क के अनुसार ग्राहकों के वर्तमान मैनडेट के साथ-साथ नए मैनडेट की ऑनबोर्डिंग की प्रगति संतोषजनक नहीं है। कुछ हितधारकों के अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए और ग्राहकों को होने वाली किसी भी असुविधा को रोकने के लिए इस फ्रेमवर्क का संपूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने की समय-सीमा, केवल एकबारगी उपाय के रूप में, को 30 सितंबर 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। विस्तारित समय-सीमा के दौरान, जब तक ऐसे मैनडेट इस फ्रेमवर्क के अनुरूप नहीं हो जाते, तब तक आवर्ती ऑनलाइन लेनदेन के लिए हितधारकों द्वारा कोई भी नया मैनडेट दर्ज नहीं किया जाए।
3. फ्रेमवर्क का संपूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने में विस्तारित समय-सीमा से आगे किसी भी तरह की देरी के परिणामस्वरूप कड़ी पर्यवेक्षी कार्रवाई की जाएगी।
4. यह निदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है।
भवदीय,
(पी. वासुदेवन)
मुख्य महाप्रबंधक |