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अधिसूचनाएं

भारत में ब्‍याज दर ऑप्‍शन

आरबीआई/2017-18/198
एफएमआरडी.डीआइआरडी.9/14.01.020/2017-18

14 जून 2018

प्रति

बाजार में सभी पात्र सहभागी

महोदय / महोदया

भारत में ब्‍याज दर ऑप्‍शन

कृपया भारत में ब्‍याज दर ऑप्शन की शुरूआत के बारे में एफएमआरडी के 29 दिसम्‍बर 2016 के परिपत्र एफएमआरडी.डीआइआरडी.12/14.01.011/2016-17 का अवलोकन करें। जैसा कि 5 अप्रैल 2018 को प्रथम द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य में घोषणा की गई थी, अब यह निर्णय लिया गया है कि रुपये में इन्‍टरेस्‍ट रेट स्‍वैपशन की अनुमति दी जाए ताकि अपने ब्‍याज दर जोखिम का बचाव तलाशने वाले बाजार सहभागियों को समय संबंधी रियायत मिल सके।

2. तदनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्‍वैपशन की शुरूआत करने के लिए अनुमति देते हुए 14 जून 2018 को एक अधिसूचना सं. एफएमआरडी. डीआइआरडी.8/2018 जारी की है।

3. इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तृतीय अध्‍याय III D डी की धारा (45-W) तहत जारी किया गया है।

4. इन्‍टरेस्‍ट रेट आप्‍शन (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2018 की एक प्रति संलग्‍न है, इस निदेश को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर भी दिया गया है। इस निदेश द्वारा 28 दिसम्‍बर 2016 के ब्‍याज दर ऑप्‍शन (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2016 को प्रतिस्‍थापित किया गया है।

5. ये निदेश 15 जून 2018 से लागू होंगे।

भवदीय

(टी. रबी शंकर)
मुख्‍य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग
प्रथम मंजिल, केन्‍द्रीय कार्यालय, फोर्ट
मुम्‍बई – 400 001

अधिसूचना संख्‍या. एफएमआरडी.डीआईआरडी.8/2018, दिनांक 14 जून 2018

ब्‍याज दर आप्‍शन (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2018

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इसे लोक हित में जरूरी समझते हुए और देश की वित्‍तीय प्रणाली को इसके लाभ हेतु नियंत्रित करने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 (ब) (W) के माध्‍यम से प्रदत्‍त शक्तियों और इस बारे में प्राप्‍त सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए और 28 दिसम्‍बर 2016 को अधिसूचना सं. एफएमआरडी.डीआईआरडी.11/2016 के माध्‍यम से जारी निर्देशों का अधिक्रमण करते हुए, निम्‍नलिखित निर्देश जारी किए जाते हैं :

1. निर्देशों का संक्षिप्‍त शीर्षक, प्रवर्तन और अनुमेयता :

1.1 इन निर्देशों को ब्‍याज दर आप्‍शन (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2018 कहा जाएगा और ये 28 दिसम्‍बर 2016 को अधिसूचना सं. एफएमआरडी.डीआईआरडी.11/2016 के माध्‍यम से जारी निदेशों को प्रतिस्‍थापित करेंगे। यदि 28 दिसम्‍बर 2016 की उक्‍त अधिसूचना के तहत जारी निर्देशों के निबंधनों के अनुसार यदि कोई लेनदेन किया गया है तो उसकी वैधता बनी रहेगी और इन निर्देशों के किसी भी प्रावधान से प्रभावित नहीं होंगे।

1.2 ये निर्देश 15 जून 2018 से लागू होंगे।

1.3 ये निर्देश इसमें वर्णित सीमा तक एक्‍सचेंज में कारोबार किए गए ब्‍याज दर आप्‍शन और ओवर-दि-काउन्‍टर (ओटीसी) ब्‍याज दर आप्‍शनों के लिए अनुमेय होंगे। एक्‍सचेंज में कारोबार किए गए ब्‍याज दर आप्‍शनों के मामले में कारोबार को निष्‍पादित करने और निपटान की प्रक्रिया संबंधित स्‍टॉक एक्‍सचेंज के नियमों और विनियमों के अनुसार रहेगी।

2. परिभाषाएं

इन निर्देशों के प्रयोजन से :

2.1 (i) ब्‍याज दर आप्‍शन एक वित्‍तीय डेरिवेटिव संविदा है जिसकी मूल्‍यवत्‍ता रुपया ब्याज दर पर आधारित है।

(ii) ब्‍याज दर खरीद आप्‍शन एक ऐसा ब्‍याज दर डेरिवेटिव है जिसके धारक (अथवा क्रेता) को अधिकार तो होता है लेकिन दायित्‍व नहीं होता है कि परिवर्तनीय ब्‍याज दर पर आधारित ब्याज के भुगतान को प्राप्‍त करे, और साथ ही साथ निश्‍चित ब्‍याज दर के आधार पर ब्‍याज भुगतान को चुकता करे।

(iii) ब्‍याज दर विक्रय आप्‍शन एक ऐसा ब्‍याज दर डेरिवेटिव है जिसमें धारक (अथवा क्रेता) को अधिकार तो होता है लेकिन दायित्‍व नहीं होता है कि परिवर्तनीय ब्‍याज दर पर आधारित ब्याज के भुगतान को चुकता करे, और साथ ही साथ निश्‍चित ब्‍याज दर के आधार पर ब्‍याज भुगतान को प्राप्‍त करे।

(iv) ऐसा आप्‍शन जिसे समापन की तारीख को क्रेता द्वारा एक्‍सरसाइज किया जा सके उसे यूरोपियन आप्‍शन कहा जाता है।

(v) ब्‍याज दर आप्‍शनों की शृंखला (जिसे कैपलेट कहते है) को ब्‍याज दर कैप कहा जाता है, जिसमें आप्‍शन का क्रेता प्रत्‍येक अवधि की समाप्ति पर, पहले ही से सहमत दर (स्‍ट्राइक दर) की तुलना में निहित ब्याज दर अधिक होने पर भुगतान प्राप्‍त करता है।

(vi) ब्‍याज दर विक्रय आप्‍शनों की शृंखला को ब्‍याज दर फ्लोर कहा जाता है, जिसमें स्‍ट्राइक दर की तुलना में निहित ब्‍याज दर कम होने पर प्रत्‍येक अवधि के अंत में आप्‍शन के क्रेता को भुगतान प्राप्‍त होता है।

(vii) ब्‍याज दर कॉलर एक ऐसी डेरिवेटिव संविदा है जिसमें बाजार का कोई सहभागी उसी परिपक्‍वता और नोशनल मूलधन पर ब्‍याज दर कैप का क्रय और उसी ब्‍याज दर पर फ्लोर का विक्रय साथ-ही-साथ करता है।

(viii) रिवर्स ब्‍याज दर कॉलर एक ऐसी डेरिवेटिव संविदा है जिसमें एक ही परिपक्‍वता और नोशनल मूलधन के लिए एक ही ब्‍याज दर के लिए ब्‍याज दर फ्लोर का क्रय और ब्‍याज दर का विक्रय साथ-ही-साथ किया जाना निहित होता है।

(ix) एक निर्धारित अवधि के दौरान ‘एक नोशनल मूलधन’ के लिए कई अवसरों पर ब्‍याज भुगतानों के प्रवाह का दो पार्टियों के बीच विनिमय अथवा स्‍वैपिंग हेतु वित्‍तीय संविदा को ब्याज दर स्‍वैप कहा गया है।

(x) ब्‍याज दर स्‍वैप संबंधी ऑप्‍शनों को ब्‍याज दर स्‍वेप्‍शन कहा गया है। स्‍वैप्‍शन से क्रेता को ब्‍याज दर स्‍वैप करने का अधिकार मिलता है लेकिन दायित्‍व नहीं।

2.2 मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेन्जों का आशय वही रहेगा जो प्रतिभूति संविदा विनियमन अधिनियम, 1956 की धारा-4 के तहत निर्धारित किया गया है।

2.3 मार्केट-मेकर द्वारा प्रयोक्‍ताओं और अन्‍य मार्केट मेकर्स को बिड और ऑफर कीमतें प्रदान की जाती हैं। मार्केट-मेकर के लिए जरूरी नही है कि उसके पास अंतर्निहित जोखिम हों।

2.4 अंतर्निहित जोखिम का प्रबंध करने के लिए प्रयोक्‍ता डेरिवेटिव मार्केट में सहभागिता करता है।

2.5 इन निर्देशों में प्रयुक्‍त किन्‍तु परिभाषित नहीं शब्‍दों और अभिव्‍यक्तियों का वही अर्थ रहेगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किसी भी अन्‍य मास्‍टर परिपत्र/अधिसूचना/निर्देश में निर्धारित किया गया है।

3. अनुमेय स्‍थल

3.1 इन निर्देशों के पैराग्राफ-4 के तहत अनुमत ब्‍याज दर ऑप्‍शन की संविदाओं को ओवर-दि-काउन्‍टर (ओटीसी) अथवा भारत में मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंज में निष्‍पादित किया जाए।

3.2 मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंज में ब्‍याज दर ऑप्‍शन संविदा आरंभ करने हेतु एक्‍सचेन्‍ज को भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति प्राप्‍त करनी होगी।

4. अनुमति प्राप्‍त उत्‍पाद

इन निर्देशों के तहत पात्र प्रतिष्‍ठान (जैसा कि आगामी पैराग्राफ-6 में बताया गया है) निम्‍नलिखित यूरोपियन ब्‍याज दर ऑप्‍शनों में सौदे कर सकेंगे –

4.1 ब्‍याज दर कॉल और पुट आप्‍शन

4.2 ब्‍याज दर कैप

4.3 ब्‍याज दर फ्लोर

4.4 ब्‍याज दर कॉलर अथवा रिवर्स कॉलर

4.5 ब्‍याज दर स्‍वैप्‍शन

5. अंतर्निहित

बाजार में व्‍यवस्थित गतिविधि के लिए फिक्‍स्‍ड इनकम मनी मार्केट एन्‍ड डेरिवेटिव्‍स् एसोसिएशन ऑफ इंडिया (फिम्‍डा) द्वारा बाजार के सहभागियों के साथ परामर्श करते हुए आब्‍जेक्टिव और पारदर्शी रुपया मनी अथवा ऋण बाजार दरों अथवा लिखतों की एक सूची प्रकाशित की जाएगी जिसका प्रयोग ओटीसी बाजार और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों में ब्‍याज दर आप्‍शन संविदाओं के लिए अं‍तर्निहित के रूप में किया जा सकता है।

6. पात्र प्रतिष्‍ठान

6.1 ब्‍याज दर आप्‍शनों हेतु ओटीसी मार्केट में सहभागिता (क) प्रयोक्‍ता और (ख) मार्केट मेकर तक ही सीमित रहेगी।

6.2 मार्केट मेकर्स : ओटीसी मार्केट में निम्‍नलिखित प्रतिष्‍ठान मार्केट मेकर्स के रूप में ब्याज दर ऑप्‍शनों का ऑफर कर सकते हैं :

(i) बैंक, बशर्ते वे (क) न्‍यूनतम 500 करोड़ रुपये की निवल मालियत, और (ख) न्यूनतम 9 प्रतिशत सीआरएआर के मानदंडों को पूरा करते हों।

(ii) स्‍टैन्‍ड एलॉन प्राइमरी डीलर्स।

(iii) अन्‍य नियंत्रित संस्‍थागत प्रतिष्‍ठान बशर्ते वे अपने-अपने नियंत्रकों से पूर्वानुमति प्राप्‍त कर चुके हों।

स्‍पष्‍टीकरण :

क. निवल मालियत का अर्थ वही रहेगा जो एक्‍सपोजर मानदंडों के बारे में 1 जुलाई 2015 को जारी और समय-समय पर यथा संशोधित डीबीआर मास्‍टर परिपत्र सं.डीआइआर.बीसी.12/13.03.00/2015-16 के पैराग्राफ सं.2.3.3 में परिभाषित है।

ख. ‘पूंजी और जोखिम-भारित आस्ति अनुपात (सीआरएआर)’ का अर्थ वही रहेगा जो बॉसेल-तृतीय में पूंजी विनियमन पर 1 जुलाई 2015 को जारी और समय-समय पर यथासंशोधित डीबीआर मास्‍टर परिपत्र सं.बीपी.बीसी.1/21.06.201/2015-16 में परिभाषित है।

6.3 प्रयोक्‍ता : सभी प्रतिष्‍ठान, जिनके पास अं‍तर्निहित ब्याज दर जोखिम हों, ‘प्रयोक्‍ता’ के रूप में सहभागिता कर सकते हैं; अर्थात वे अंतर्निहित जोखिम से बचाव हेतु ब्‍याज दर आप्‍शन संविदा कर सकते हैं। ‘प्रयोक्‍ताओं’ को ब्‍याज दर ऑप्‍शनों में नेट शार्ट पोजिशन चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

6.4 उक्‍त पैराग्राफ 6.2 और 6.3 में दिए गए निर्देश एक्‍सचेन्‍ज ट्रेडेड ब्‍याज दर ऑप्‍शन पर लागू नहीं हैं, क्‍योंकि इनका नियंत्रण मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेन्‍जों के नियमों और विनियमों द्वारा किया जाता है।

7. ओटीसी सौदों की रिपोर्टिंग

ब्याज दर ऑप्‍शनों में किए जाने वाले सभी ओटीसी सौदों की जानकारी मार्केट मेकर को सौदा होने के 30 मिनट के भीतर ट्रेड रिपॉजिटरी ऑफ क्‍लीयरिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. (सीसीआईएल) को देनी होगी।

8. ओटीसी में सौदों का निपटान

8.1 मार्केट मेकर्स के बीच सम्‍पन्‍न हुए ओटीसी सौदों का निपटान द्विपक्षीय रूप से अथवा इस प्रयोजन हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित क्लियरिंग व्‍यवस्‍था के माध्‍यम से करनी होगी।

8.2 फिमडा द्वारा मार्केट सहभागियों के साथ परामर्श करके ब्‍याज दर ऑप्‍शनों में ओटीसी सौदों के लिए मार्केट के अन्‍य सिद्धान्‍तों और निपटानों के आधार निर्दिष्‍ट किए जाएंगे।

9. अन्‍य शर्तें

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 20 अप्रैल 2007 को जारी और समय-समय पर यथासंशोधित परिपत्र डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.86/21.04.157/2006-07 के माध्‍यम से डेरिवेटिव संबंधी समेकित दिशानिर्देशों और बोर्ड अनुमोदित ‘संगतता तथा औचित्‍य नीति’ के लिए अपेक्षाओं का सभी मार्केट मेकर्स द्वारा यथावत अनुपालन किया जाएगा।

(टी. रबी शंकर)
मुख्‍य महाप्रबन्‍धक


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