भा.रि.बैंक/2017-18/194
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 30
07 जून 2018
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक
महोदया/महोदय,
भारत में विदेशी निवेश- एकल मास्टर फॉर्म (सिंगल मास्टर फ़ॉर्म) में रिपोर्ट करना
जैसे कि दिनांक 5 अप्रैल 2018 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में घोषित किया गया है भारत में विभिन्न प्रकार के विदेशी निवेशों के विद्यमान रिपोर्टिंग ढांचे को समेकित करने के उद्देश्य से रिज़र्व बैंक एक एकल मास्टर फॉर्म (एसएमएफ़) तैयार करेगा। एसएमएफ़ को ऑनलाइन तरीके से फ़ाइल किया जाएगा।
2. एसएमएफ़ किसी भारतीय संस्था में {दिनांक 7 नवंबर 2017 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2017 में परिभाषित किए गए अनुसार} कुल विदेशी निवेश की तथा भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा किसी निवेश माध्यम में निवेश की भी रिपोर्टिंग करने की सुविधा प्रदान करेगा।
3. एसएमएफ़ के कार्यान्वयन के पूर्व रिज़र्व बैंक भारतीय संस्थाओं को एक विनिर्दिष्ट प्रोफॉर्मा में कुल विदेशी निवेश से संबंधित डेटा को इनपुट करने के लिए एक इंटरफ़ेस प्रदान करेगा। यह इंटरफ़ेस भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर दिनांक 28 जून 2018 से 12 जुलाई 2018 तक उपलब्ध होगा। इस पूर्वापेक्षा का अनुपालन नहीं करनेवाली भारतीय संस्थाएं विदेशी निवेश (अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहित) प्राप्त नहीं कर पाएंगी तथा यह मान लिया जाएगा कि वे विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 तथा उसके तहत बने विनियमों का अनुपालन नहीं करती हैं।
4. संस्थाएं अनुबंध-1 पर एंटीटी मास्टर में दी गई अपेक्षाओं के साथ तैयार रहें। एसएमएफ़ का फ़ारमैट अनुबंध-2 पर दिया गया है। अंतिम फॉर्म को होस्ट करने के बाद वह मास्टर निदेश- फेमा, 1999 के अंतर्गत रिपोर्टिंग में उपलब्ध होगा।
5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।
6. इस परिपत्र में निहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गये हैं।
भवदीय
शेखर भटनागर
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |