भारिबैं/2017-18/108
ए.पी.(डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं. 14
12 दिसम्बर 2017
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदय/ महोदया,
सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा निवेश
मध्यावधि ढांचा – समीक्षा
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान दि. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.20/2000 – आरबी, समय समय पर यथा संशोधित, द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत से बाहर निवासी व्यक्तियों दवारा प्रतिभूतियों का अंतरण अथवा जारी करना) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 5 की ओर दिलाया जाता है ।
आगामी तिमाही जनवरी – मार्च 2018 के लिए सीमा में संशोधन
2. जनवरी – मार्च 2018 तिमाही के लिए एफपीआइ द्वारा केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में निवेश की सीमा में 64 बिलियन रुपये और राज्य विकास ऋणों में निवेश की सीमा में 58 बिलियन रु. की वृद्धि की गई है. संशोधित सीमा 3 जुलाई 2017 के भारिबैं/2017-18/12 एपी.(डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं.1 में विहित संशोधित ढांचे के अनुसार आबंटित की गई है तथा नीचे दर्शाई गई है ।
सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआइ निवेश के लिए सीमा |
रु. बिलियन में |
|
केंद्र सरकार की प्रतिभूतियां |
राज्य विकास ऋण |
समग्र |
सामान्य |
दीर्घावधि |
कुल |
सामान्य |
दीर्घावधि |
कुल |
वर्तमान सीमा |
1,897 |
603 |
2,500 |
300 |
93 |
393 |
2,893 |
संशोधित सीमा |
1,913 |
651 |
2,564 |
315 |
136 |
451 |
3,015 |
3. संशोधित सीमाएं 1 जनवरी 2018 से प्रभावी होंगी ।
4. सीमाओं के आबंटन और निगरानी की सीमा से सम्बंधित परिचालनगत दिशानिर्देश भारतीय प्रतिभूति और विनिमय संघ (सेबी) द्वारा जारी किए जाएँगे ।
5. एडी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु अपने घटकों और सम्बंधित ग्राहकों की जानकारी में ला दें ।
6. इस परिपत्र में निर्दिष्ट निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं तथा इससे किसी अन्य नियम के अंतर्गत, यदि आवश्यक हो, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भवदीय
(टी.रबि शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक |