भारिबैं/2017-18/68
ए.पी.(डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं. 7
28 सितम्बर 2017
सभी प्राधिकृत व्यक्ति
महोदय/महोदया,
सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) द्वारा निवेश
मध्यावधि ढांचा
सभी प्राधिकृत व्यापारियों श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000–आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (अनिवासी भारतीय द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण या जारी करना) विनियमावली 2000, समय-समय पर यथासंशोधित, की ओर आकृष्ट किया जाता है। उनका ध्यान दि. 3 जुलाई 2017 के भारिबैं/2017-18/12 एपी.(डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं.1 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है।
आगामी तिमाही अक्तूबर-दिसम्बर 2017 के लिए सीमा में संशोधन
2. अक्तूबर-दिसम्बर 2017 तिमाही के लिए एफपीआइ द्वारा केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में निवेश की सीमा में 80 बिलियन रुपये और राज्य विकास ऋणों में निवेश की सीमा में 62 बिलियन रुपये की वृद्धि की गई है । संशोधित सीमा 3 जुलाई 2017 के भारिबैं/2017-18/12 एपी.(डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं.1 में विहित संशोधित ढांचे के अनुसार आबंटित की गई है तथा नीचे दर्शाई गई है ।
सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआइ निवेश के लिए सीमा |
रु. बिलियन में |
तिमाही |
केंद्र सरकार की प्रतिभूतियां |
राज्य विकास ऋण |
समग्र |
सामान्य |
दीर्घावधि |
कुल |
सामान्य |
दीर्घावधि |
कुल |
वर्तमान सीमा |
1877 |
543 |
2420 |
285 |
46 |
331 |
2751 |
31 दिसम्बर 2017 |
1897 |
603 |
2500 |
300 |
93 |
393 |
2893 |
3. संशोधित सीमाएं 3 अक्तूबर 2017 से प्रभावी होंगी ।
4. सीमाओं के आबंटन और निगरानी की सीमा से सम्बंधित परिचालनगत दिशानिर्देश भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी किए जाएँगे ।
5. एडी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु अपने घटकों और सम्बंधित ग्राहकों की जानकारी में लाए ।
6. इस परिपत्र में निर्दिष्ट निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं तथा इससे किसी अन्य नियम के अंतर्गत, यदि आवश्यक हो, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा ।
भवदीय
(टी. रबि शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक |