भारिबैं/2014-15/507
एफएमआरडी.डीआइआरडी.06/14.03.007/2014-15
20 मार्च 2015
सभी बाजार प्रतिभागी
प्रिय महोदय/महोदया
विदेशी संविभाग निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में किये गये और एनडीएस-ओएम में रिपोर्ट किये गये एकमुश्त समर्थक बाजार लेन देनों के लिए T+2 निपटान
कृपया आप चतुर्थ द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2014-15 का पैराग्राफ 27 देखें, जिसमें यह घोषणा की गयी थी कि विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआइ) और दीर्घावधि विदेशी निवेशकों द्वारा सामना किये गये मुद्दों पर ध्यान देने के लिए उन्हें व्यापार तिथि को विस्तारित रिपोर्टिंग समय और सरकारी प्रतिभूतियों में समर्थक बाजार ओटीसी व्यापारों के लिए T+2 निपटान का विकल्प दिया जाये ।
2. इस संबंध में सरकारी प्रतिभूति बाजार में T+1 निपटान विषय पर आरबीआई परिपत्र आइडीएमडी.पीडीआरएस/ 4783/ 10.02.01/2004-05 दिनांक 11 मई 2005 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है ।
3. अब बाजार प्रतिभागियों के साथ परामर्श करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि एफपीआइ द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में किये गये और एनडीएस-ओएम में रिपोर्ट किये गये एकमुश्त समर्थक बाजार लेन देनों के लिए T+2 आधार पर निपटान की अनुमति निम्नलिखित शर्तों के अधीन दी जाये :
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सरकारी प्रतिभूतियों में सभी बिक्री और खरीद लेन देन, जहाँ कम से कम एक पार्टी कोई एफपीआइ है, केवल T+2 आधार पर निपटाये जायेंगे । इनमें किसी देशी प्रतिष्ठान और किसी एफपीआइ के बीच लेन देन, भिन्न-भिन्न अभिरक्षकों के दो एफपीआइ के बीच लेन देन, अभिरक्षक और उसके एफपीआइ गिल्ट खाता धारक के बीच लेन देन और एक ही अभिरक्षक के दो गिल्ट खाता धारकों के बीच लेन देन शामिल है ।
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अन्य सभी व्यापार, जिनमें कोई एफपीआइ शामिल नहीं हो, T+1 आधार पर निपटाये जाते रहेंगे ।
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प्रतिभूति बेचने वाले एफपीआइ का अभिरक्षक बैंक या एफपीआइ को प्रतिभूति बेचने वाले काउंटरपार्टी प्रतिष्ठान को लेन देन की रिपोर्ट व्यापार तिथि को ही रिपोर्टिंग समय के भीतर करनी होगी ।
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प्रतिभूति खरीदने वाले एफपीआइ का अभिरक्षक बैंक अगले कारोबारी दिन तक लेन देन की रिपोर्ट निर्धारित रिपोर्टिंग समय तक कर सकता है ।
4. डीवीपी ।।। निपटान के संबंध में परिपत्र आइडीएमडी.पीडीआरएस.05/10.02.01/2003-04 दिनांक 29 मार्च 2004 द्वारा जारी किये गये और समय समय पर अद्यतन किये गये दिशा-निर्देश T+2 आधार पर निपटाये गये ऐसे लेन देनों पर लागू होते रहेंगे ।
5. ये दिशा-निर्देश 6 अप्रैल 2015 से प्रभावी होंगे ।
भवदीय,
(आर. सुब्रमणियन)
मुख्य महाप्रबधक |